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Coronavirus Upadte: COVID-19 को रोकने में काम आ सकती है बीसीजी वैक्सीन, शोध जारी

coronavirus Update In Hindi: दुनियाभर में कोरोना वायरस के कहर से अब तक 38 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। और 8 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं। करीब 1 लाख 72 हजार लोगों ने कोरोना संक्रमण से बचाव में सफलता हासिल की है। दुनियाभर में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए इलाज के तौर पर इसका टीका या दवा बनाने की पूरजोर कोशिश की जा रही है। ऐसे में कोविड-19 पर लगाम लगाने के लिए टीबी की एक वैक्सीन में उम्मीद की नई किरण नजर आई है। विभिन्न देशों में कोरोना वायरस के प्रभाव की पड़ताल में शोधकर्ताओं ने पाया कि टीबी की वैक्सीन बेसिलस कैलमेट-गुएरिन (बीसीजी) इस वायरस से मुकाबले में संभावित हथियार बन सकती है।

लम्बे समय से किया जा रहा है उपयोग
शोधकर्ताओं के अनुसार, बीसीजी वैक्सीन लंबे समय से बड़े पैमाने पर उपयोग में लाई जा रही है। बच्चों में टीबी की रोकथाम में प्रभावी रही इस वैक्सीन का सांस संबंधी संक्रमणों से बचाव में भी सुरक्षात्मक प्रभाव पाया गया है। अमेरिका के न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं के अनुसार, ‘हमने बीसीजी नीतियों को लंबे समय से अपनाने वाले देशों की तुलना में इन नीतियों के अभाव वाले देशों (इटली, नीदरलैंड्स और अमेरिका) को कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित पाया।’

हृदय को भी नुकसान पहुंचा सकता है Covid-19
कई अध्ययनों की समीक्षा के आधार पर यह पाया गया है कि कोरोना वायरस हृदय को भी नुकसान पहुंचा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, यह ज्ञात है कि कोविड-19 जैसी वायरल बीमारियां सांस संबंधी संक्रमणों का कारण बन सकती हैं। नतीजन फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। इससे मौत तक हो सकती है। यह हालांकि ठीक से पता नहीं है कि इसका हृदय प्रणाली पर क्या असर पड़ता है।

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास हेल्थ सेंटर के शोधकर्ता मुहम्मद मजीद ने कहा कि यह संभव है कि हृदय बीमारी की गैरमौजूदगी के बावजूद हार्ट मसल को कोरोना वायरस नुकसान पहुंचा सकता है। हृदय रोगियों में इसका सबसे ज्यादा खतरा पाया गया।

65 साल से ज्यादा उम्र वालों का ज्यादा खतरा
शोधकर्ताओं ने हृदय रोग या उच्च रक्तचाप से जूझ रहे 65 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों में कोरोना का खतरा ज्यादा पाया है। ऐसे लोगों को खास ध्यान रखने की जरूरत बताई गई है।



Source: Health

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