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कितनी सस्ती होंगी कोरोना की दवाएं और वैक्सीन ?

कोरोनोवायरस का टीका बनने में अब भी लगभग 12 से 18 महीने का समय शेष है। एक नए विश्लेषण से पता चला है कि कोरोना वायरस के लिए बनाई जा रही दवा या वे दवाएं जो अभी इलाज में काम आ रही हैंं उनकी लागत प्रति मरीज 1 डॉलर प्रति दिन या उससे कम हो सकती है। शोधकर्ताओं का तर्क है कि यदि बनाई जा रही कोई भी दवा या वैक्सीन नोवेल कोरोनावायरस के खिलाफ प्रभावी साबित होती है तो इसे वैश्विक उपयोग के लिहाज से सस्ता बनाने के लिए एक समन्वित अंतरराष्ट्रीय प्रयास की आवश्यकता होगी।

वर्तमान में दुनिया भर के वैज्ञानिक कोविड-19 के लिए कम से कम एक दर्जन संभावित उपचारों पर क्लिीनिकल परीक्षण कर रहे हैं। जबकि कुछ संभावित दवाएं जो उपचार में काम आ रही हैं वे दशकों से बाजार में उपलब्ध हैं। लीवरपूल विश्वविद्यालय के दवा मूल्य विशेषज्ञ एंड्रयू हिल का कहना है कि कोरोना वायरस की दवा का न्यूनतम लागत का अनुमान लगाना अपेक्षाकृत सरल है। उनके समूह द्वारा मूल्यांकन की जाने वाली अधिकांश दवाएं पेटेंट से दूर हैं और इस प्रकार जेनेरिक दवा निर्माताओं द्वारा सस्ते में निर्मित की जा सकती हैं। हिल की टीम का अनुमान है कि दवा की 1 दिन की आपूर्ति $०.93 डॉलर तक हो सकती है।



Source: Health

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