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जानें क्या होती है हर्ड इम्युनिटी, क्या इससे संभव होगा कोरोना से बचाव

जब इंसानों और पशुओं की आबादी का एक बड़ा हिस्सा किसी संक्रामक रोग के प्रति स्वत: प्रतिरक्षित हो जाए जिससे संक्रमण खत्म या रुक जाए तो इसे हर्ड इम्यूनिटी कहते हैं। इसे कम्यूनिटी इम्यूनिटी और ग्रुप प्रोटेक्शन भी कहते हैं। समय के साथ संक्रमण के खिलाफ जब शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो जाती है तो वायरस का शरीर पर कोई असर नहीं होता। यह विभिन्न रोगों के प्रसार को रोक देती है। कुछ वायरल और संक्रमण एक से दूसरे व्यक्ति में फैलते हैं। यह श्रृंखला जब टूट जाती है तो अधिकांश लोग संक्रमण से बच जाते हैं क्योंकि संक्रमण फैलना रुक जाता हैं। जिन लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो या जिन्हें टीके न लगे हों डन्हें हर्ड इम्यूनिटी संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है।

वैज्ञानिकों का कहना है कि जब आबादी का 40 फीसदी हिस्सा एक समय के बाद हर्ड इम्यूनिटी पा लेता है तो वायरस का प्रभाव खत्म हो जाता है। लेकिन ज्यादातर वायरस संबंधी महामारियों के मामलों में संक्रमण रोकने के लिए 80 से 95 फीसदी लोगों का संक्रमण के प्रति हर्ड इम्यूनिटी होना जरूरी माना गया है।



Source: Health

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