fbpx

बच्चे की आंखेें सुबह चिपक रही हैं,तो बिना डॉक्टरी सलाह के दवा न डालें

बच्चों के सुबह उठते ही आंखें चिपक रही हैं, उसमें से सफेद गंदगी जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलता है तो मेडिकल स्टोर से दवा लेकर न डालें। इससे ग्लूकोमा कैटरेक्ट बीमारी का खतरा रहता है। अक्सर यह अभिभावक लापरवाही करते हैं क्योंकि कई आइ ड्रॉप में स्टेरॉइड होता है। इससे परेशानी बढ़ सकती है।
कारण- गर्मी बढऩे पर यह परेशानी अधिक हो जाती है। यह एक प्रकार की आंखों की एलर्जी है जिसे एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस कहते हैं। यह पराग कणों (पोलन), जानवरों के फर, प्रदूषण या धूल आदि से भी होती है। इसमें गंदगी आने के साथ आंखों में लालपन, खुजली भी होती है। अगर ऐसी समस्या है तो डॉक्टर को दिखाएं।
इस तरह करें बचाव
दिन में 2-3 बार आंखों को अच्छे से धोएं। खासतौर पर जब बच्चा बाहर से खेलकर या स्कूल से घर आता है। (लॉकडाउन के बाद)
पैरेंट्स को चाहिए कि हाइजीन का ध्यान रखें। गंदे हाथों से चेहरा न छुएं।
बच्चों को आंखों को मसलने न दें। लगातार आंखों को खुजलाने से कॉर्निया को नुकसान हो सकता है।
एक माह पुरानी खुली आइ ड्रॉप का इस्तेमाल न करें।
यह एलर्जी एक उम्र के बाद स्वत: ठीक हो जाती है। ज्यादा परेशान न हो। यह एकदूसरे से नहीं फैलता है।
अगर एलर्जी शरीर के दूसरे हिस्से में है जैसे नाक बहना या स्किन में एलर्जी तो शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।
बच्चे की आंखों में आइ ड्रॉप डालते हैं तो हाथ अच्छी तरह धो लें।



Source: Health