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Coronavirus Update: Covid-19 को रोक सकती है आदिवासियों की ये दवा, जल्द ट्रायल होगा शुरू

coronavirus Update: नोवल कोरोना वायरस की महामारी से दुनियाभर में अबतक 41 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 2 लाख 80 हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। कोविड-19 के प्रकाेप काे राेकने के लिए दुनियाभर के कई देशों के वैज्ञानिक इस समय कोरोना की दवा तलाश रहे हैं। वहीं भारत में भी कोरोना का इलाज ढूंढा जा रहा है। ‌भारत की प्रतिष्ठित संस्था सीएसआईआर यानी काउंसिल फॉर साइंटिफिक इंडस्ट्रियल रिसर्च भी कई दवाइयों की क्लीनिकल ट्रायल कर रही है। वहीं अब सीएसआईआर एक वनस्पति के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत करने जा रही है। जिसके लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से उसे अनुमति भी मिल गई है। ACQH नाम की वनस्पति का क्लीनिकल ट्रायल जल्द ही शुरू होने जा रहा है।

ACQH नाम की ये एक बेल है। ये वनस्पति मध्य प्रदेश और झारखंड में मिलती है और आदिवासी लाेग का इसका उपयाेग कई बीमारियों के इलाज के लिए करते हैं। वहीं सीएसआईआर ने ACQH नाम के इस वनस्पति का ट्रायल पहले से कर रही थी। डेंगू के इलाज के लिए इसके अच्छे नतीजे भी मिले हैं। वहीं अब सीएसआईआर को लगता है जैसे नतीजे डेंगू में मिले हैं वो कोविड में भी मिलेंगे।

सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ शेखर मांडे के अनुसार ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिलने के बाद जल्द इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा। ये ट्रायल एक ट्राय पार्टी कोलैबोरेशन है। जिसमें सीएसआईआर, दिल्ली की एक इंस्टीट्यूट इंटरनेशनल सेंटर फॉर जेनेटिक एंड बायो टेक्नोलॉजी और एक फार्मास्यूटिकल कंपनी शामिल है। ये तीनों मिलकर ट्रायल करने जा रहे हैं। इसके लिए कुछ अस्पतालों कुछ मरीजों पर इसका ट्रायल किया जाएगा।

गाैरतलब है कि सीएसआईआर इन्फ्लूएंजा की इलाज में इस्तेमाल होने वाली फेविपराविर और स्पेसिसी में इस्तेमाल होने वाले एमडब्ल्यू नाम के ड्रग के क्लीनिकल ट्रायल की इजाजत मिल चुकी है और ट्रायल शुरू भी हुए है।


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Source: Health

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