कोरोना से बचाव में कारगर हैं ये तीन औषधियां, जानिए इनके चमत्कारी फायदे
आगरा. दुनियाभर में कोरोना जैसी महामारी ने हाहाकार मचाया हुआ है। आगरा में भी कोरोना के मामले पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा हैं। इसका इलाज ढूंढने के लिए अलग अलग पद्धितियों में प्रयोग चल रहे हैं, इसके बावजूद अब तक इस बीमारी का सफल इलाज नहीं मिल सका है। ऐसे में एक बार फिर से लोगों का विश्वास भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद की ओर बढ़ा है। इस मामले में वैद्य शंभू गोस्वामी का कहना है कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति रोग को जड़ से समाप्त करती है, साथ ही इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। वैद्य शंभू गोस्वामी के मुताबिक कोरोना जैसी महामारी को मात देने के लिए लोगों को अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना जरूरी है। आयुर्वेद में इसके लिए गिलोय, अश्वगंधा और मुलैठी तीन औषधियों को चमत्कारिक माना गया है। यदि नियमित रूप से इन तीन औषधियों का प्रयोग किया जाए तो रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने के साथ तमाम अन्य परेशानियों से भी छुटकारा मिलेगा। आयुष मंत्रालय द्वारा भी कोरोना से जंग में इन तीन औषधियों को आधार बताया गया है।
बैक्टीरिया को रोकता अश्वगंधा
अश्वगंधा को आयुर्वेद में कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी में भी असरकारी बताया गया है। ये कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा बैक्टीरिया के संक्रमण को रोकने में कारगर है। अश्वगंधा रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। थायरॉयड, डायबिटीज आदि में लाभप्रद है व अवसाद को दूर करता है। इसका सेवन नियमित रूप से रात में सोते समय दूध के साथ करें।
गले की समस्याओं के लिए लाभकारी है मुलैठी
मुलैठी सर्दी, जुकाम, खांसी, खराश व गले से जुड़ी अन्य तमाम समस्याओं को खत्म करती है। ये एंटीबायोटिक होने के साथ एंटी-ऑक्सीडेंट, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड के गुणों से भरपूर होती है।सांस संबन्धी तमाम समस्याओं के लिए इसका प्रयोग लाभकारी माना गया है। ये पाचन संबन्धी रोग और यूरिन इन्फेक्शन को भी खत्म करती है। नियमित रूप से मुलैठी का काढ़ा बनाकर पीने से गले से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर होंगी। फेफड़े में जकड़ा बलगम भी बाहर आ जाएगा। काढ़ा बनाने के लिए मुलैठी को एक कप पानी में उबालें और आधा रह जाने पर गुनगुना इस पानी को पिएं।
बुखार उतारने में मददगार गिलोय
रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करने के लिए गिलोय काफी मददगार हैं। आयुर्वेद में इसका प्रयोग बुखार उतारने के लिए भी किया जाता है। इसके अलावा गिलोय एसिडिटी, कफ की समस्या, डायबिटीज, कैंसर, कब्ज, टीबी, हृदय संबन्धी परेशानिया, लिवर से जुड़ी समस्याओं, गठिया आदि में भी काफी फायदेमंद है। गिलोय के तने यानी डंडी को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर नियमित रूप से पिएं।
आयुष मंत्रालय ने दी ट्रायल की इजाजत
वैद्य शंंभू गोस्वामी बताते हैं कि कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने संबोधन में आयुर्विज्ञान को बढ़ावा देने की बात कही थी, जिसके बाद आयुष मंत्रालय ने आयुर्वेद चिकित्सा सूत्र को अपनाते हुए कोरोना मरीजों पर प्रयोग किए। इस दौरान करीब सात दिनोंं तक आयुर्वेदिक दवा के प्रयोग से उत्साहजनक परिणाम सामने आए। इससे क्वारंटीन सेंटर में कुछ मरीजों में कोरोना के लक्षण बढ़े ही नहीं तो कुछ ठीक हो गए। अभी भी आयुर्वेद, होम्योपैथी और ऐलोपैथिक तीनों प द्धतियों पर अलग अलग ट्रायल चल रहे हैं। इसी कड़ी में हाल ही भारत सरकार ने कोरोना की दवा के तौर पर अश्वगंधा, गिलोय और मुलैठी का भी क्लीनिकल ट्रायल करने की इजाजत दी है।
Source: Education