वैज्ञानिक मां-बेटी की जोड़ी ने बताया कि कोरोना पुरुषों के लिए ज्यादा घातक क्यों है
नोवेल कोरोना वायरस महिलाओं से ज्यादा पुरुषों के लिए घातक साबित हो रहा है, लेकिन क्यों? इस सवाल का जवाब दिया है मुंबई की मां-बेटी की वैज्ञानिक जोड़ी डॉ. जयंती शास्त्री और डॉ. अदिति शास्त्री ने। उनके हालिया अध्ययन में सामने आया कि पुरुषों में टेक्सटीकल के कारण उनके किसी भी वायरस से लंबे समय तक और अधिक गंभीर संक्रमण से ग्रसित होने की आशंका बनी रहती है। मुम्बई के एक प्रमुख अस्पताल में माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की हैड डॉ. जयंती और उनकी बेटी मोंटेफोर मेडिकल सेंटर एंड अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन, न्यूयॉर्क में ऑन्कोलॉजी की एक सहायक चिकित्सक हैं।

दोनों ने कोरोना से जुड़े इस विशेष अनुसंधान पर साथ काम किया है। अपने research के बारे में बताते हुए जयंती और अदिति ने बताया कि मुम्बई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल के मरीज के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर उन्होंने पाया कि पुरुषों को महिलाओं की तुलना में नोवेल कोरोनोवायरस संक्रमण को खत्म करने में औसतन दो दिन से अधिक समय लग रहा है। उनकी टीम ने पाया कि एसीई2 रिसेप्टर जो मानव शरीर में नोवेल कोरोनावायरस का प्रवेश द्वार है वह पुरुषों के गोनाडल ऊतकों में प्रचुर मात्रा में पाया गया था। इससे हमने यह अनुमान लगाया कि पुरुष गोनाडल ऊतक नोवेल कोरोना वायरस के लिए एक आदर्श स्पॉट हो सकता है जिसके चलते पुरुषों को संक्रमण से उबरने में महिलाओं से ज्यादा समय लग रहा है।
Source: Health
