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सेहत के लिए फायदेमंद है गेहूं, बाजरा, मक्का और जौ का दलिया

आमतौर पर छोटे बच्चे या स्कूलगोइंग को अलग-अलग वैरायटी का खाना पसंद होता है। ऐसे में स्वाद व पौष्टिकता से भरपूर दलिया एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह आसानी से पचने वाला भोजन है जो गेहूं, बाजरा, मक्का और जौ को दरदरा पीसकर बनाया जाता है। सेहत के अनुसार यह संपूर्ण डाइट है। इसे विभिन्न तरीके से पकाया व खाया जा सकता है।

न्यूट्रिशन फैक्ट –
सेहत का खजाना कहा जाने वाला दलिया शारीरिक विकास व एनर्जी के लिए अहम है। खासतौर पर बच्चों में हड्डियों की मजबूती और पेट की कार्यप्रणाली दुरुस्त करने के लिए इसे खाने की सलाह दी जाती है। दलिया प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है। साथ ही इसमें फाइबर, कैल्शियम, मिनरल, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट्स आदि पाए जाते हैं।

खाने के विकल्प-
दिन के किसी भी मील (नाश्ता, लंच या डिनर) का हिस्सा बनाकर खाए जाने वाले दलिए को मीठा, नमकीन, स्प्राउट, दूध के साथ, वेजिटेबल दलिया या फ्रूट दलिया बनाकर भी खाया जा सकता है। जानते हैं इनके बारे में-

नमकीन दलिया : यह पाचनतंत्र को दुरुस्त कर सोडियम तत्त्व की पूर्ति और हड्डियों को मजबूती देता है। इसे वेजिटेबल दलिया भी कहते हैं।
विधि: दो कप दलिए को थोड़े कुकिंग ऑयल में भूनकर अलग रखें। पैन में थोड़ा ऑयल गर्म कर इसमें जीरा, हींग, प्याज, अदरक, लहसुन का तड़का लगा लें। इसमें भुना दलिया, टमाटर, पत्तागोभी, मटर व अन्य मौसमी सब्जियां मिलाकर स्वादानुसार नमक, मसाले व ३ कप पानी डालें।

मीठा : गुड़ या चीनी मिलाकर तैयार दलिया पचने में काफी हल्का होता है। यह शरीर में एनर्जी को बरकरार रखने में मदद करता है।
विधि: कुकर में एक चम्मच घी गर्म कर एक कप दलिया भूनें। दो कप पानी डालकर कुकर में दो सीटी आने तक पकाएं। इसके बाद इसमें आधा कप चीनी या थोड़ा गुड़ मिलाकर पकाएं। चीनी का पानी सोखने के बाद दलिए में सूखे मेवे मिला सकते हैं।

फ्रूट : नेचुरल मीठा होने की वजह से फल दलिए के स्वाद को बढ़ा देते हैं। खासकर बच्चे इसे खाना ज्यादा पसंद करते हैं।
विधि: कम चीनी या गुड़ वाले तैयार मीठे दलिए में कुदरती मीठे फल डाल सकते हैं। दलिए को खिला-खिला पकाएं। एक बाउल में सेब, केला, नाशपाती के टुकड़े, अंगूर, अनार के दाने मिलाएं। दलिए को फलों और सूखे मेवों के साथ मिक्स कर खाएं।

खीर के रूप में : दूध-दलिए का कॉम्बिनेशन हैल्दी डाइट है। बच्चे को यदि नाश्ते में एक कटोरी दलिए की खीर दी जाए तो शरीर में एनर्जी बनी रहेगी।
विधि: एक कटोरी मीठे दलिए में या बिना चीनी व नमक के पके फीके दलिए में समान मात्रा में गर्म दूध मिक्स कर लें। ऊपर से स्वादानुसार चीनी या गुड़ भी मिला सकते हैं। चाहें तो इसमें इलायची, केसर और चीनी के बजाय भीगी हुई किशमिश को भी मिला सकते हैं।

प्रोटीन – जौ को दरदरा पीसकर बनाया गया दलिया प्रोटीन से भरपूर है। जिसमें किसी प्रकार की सब्जी या फल मिक्स करने की जरूरत नहीं होती। लेकिन गेहूं, बाजरा व मक्का से तैयार दलिए में प्रोटीन की मात्रा थोड़ी कम होती है। इसके लिए इसमें छिलके वाली मूंग की दाल या मिक्स दाल को मिलाना पड़ता है। साथ में मूंगफली के दानों को भी मिला सकते हैं।

दलिया खाने के फायदे-
इसमें फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा काफी कम होती है जिससे यह वजन नियंत्रित करने और पेट साफ रखने में मदद करता है। ऐसे व्यक्ति जिनकी इम्युनिटी किसी प्रकार की बीमारी के कारण कमजोर हैं, उनके लिए यह सुपरफूड होता है। अक्सर मरीजों में कुछ भी ठोस या मसालेदार चीजों को खाने से परेशानी बढ़ जाती है, उस स्थिति में अक्सर दलिया खाने की सलाह दी जाती है। इसका फायदा यह है कि यह आंतों पर दबाव नहीं बनाता और आसानी से पच जाता है। इसलिए आंतों में घाव, रुकावट या इस अंग की कमजोरी से पीडि़त मरीजों के लिए यह सेहतमंद डाइट है। यह विटामिन-बी1 और बी2 का बेहतरीन स्त्रोत है। जो बच्चों में भूख, एनर्जी और इम्युनिटी बढ़ाते हैं।



Source: Health

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