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जानिए आंखों में एलर्जी, ड्रायनेस, कंजक्टिवाइटिस, कैलेजिओन की समस्या के बारे में

मौसमी बदलाव त्वचा के अलावा आंखों में ड्रायनेस बढ़ाता है। खासतौर पर धूल-धुआं, पौधों के परागकण, प्रदूषण से एलर्जी या आंखों की पलकों पर मौजूद चिकनाई के सूखने से ऐसा होता है। इससे आंखों के लाल होने, खुजली व पानी निकलने जैसे लक्षण सामने आते हैं।

एलर्जी –
इसका प्रभाव सर्दी में बढ़ता है। मरीज को एलर्जी वाली चीजों से दूरी बनाने और एलर्जी के मरीज को सर्दी शुरू होने से दो हफ्ते या एक माह पहले से एंटीएलर्जिक दवाएं लेने की सलाह देते हैं।

ड्रायनेस –
सर्द हवा के सीधे संपर्क में आने या हीटर के एकदम पास बैठने से आंखों की नमी कम हो जाती है। जिससे आंखों में ड्रायनेस होती है। इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान या कहीं धुआं या धूल में घर से बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा लगाएं। या कम्प्यूटर पर काम करने के दौरान बीच-बीच में आर्टिफिशियल टियर ड्रॉप आंख में डालें।

कंजक्टिवाइटिस –
सर्दियों में वायरल इंफेक्शन का खतरा बढऩे से आंख में कंजक्टिवाइटिस होना आम है। जिनकी हाल में आंख संबंधी सर्जरी हुई हो या किसी नेत्ररोग से पीडि़त हो उन्हें इसकी आशंका ज्यादा होती है। इसके लिए भीड़भाड़ वाली जगह में न जाएं व हीटर के अधिक पास न बैठें।

कैलेजिओन –
चिकनाई प्रदान करने वाली ग्रंथि (मेबोमियन) के ब्लॉक होने से पलकों पर छोटी-छोटी फुंसियां उभार जाती हैं। सर्द हवाओं के ज्यादा संपर्क में आने से यह तेल धीरे-धीरे जमने लगता है। मरीज को गर्म पानी में भीगे सूती कपड़े से आंख की सिकाई व एंटीबैक्टीरियल दवा की सलाह दी जाती है।

ध्यान रखें –
घर से बाहर निकलते समय आंखों पर चश्मा लगाएं। आंखों की सेहत के लिए विटामिन-ए और ओमेगा-थ्री एसिड तत्त्व से भरपूर चीजें खाएं। जैसे अलसी, अखरोट, रंगबिरंगी सब्जियां व फल आदि।



Source: Health

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