गधी के दूध में मौजूद एंटी एजिंग तत्व से बुढ़ापा रहता है कोसो दूर, 7 हजार रुपए लीटर है इसकी कीमत
नई दिल्ली। वैसे तो आमतौर पर लोग गाय या भैंस का दूध पीते हैं, लेकिन सेहत के हिसाब से गधी का दूध (Donkey Milk) काफी फायदेमंद माना जाता है। कई दवाईयों और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में इसका इस्तेमाल होता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद एंटी एजिंग (Anti Aging Formula) तत्वों के चलते बुढ़ापा कोसो दूर रहता है। तभी सरकार इसे एक उद्यम के तौर पर विकसित करने का प्लान बना रही है। हाल ही में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी संचालित वेटरनरी कॉलेज के वैज्ञानिकों ने गधी की दो ऐसी नस्ल की मान्यता प्राप्त की है जो दूध देने में सक्षम है। वैज्ञानिकों के अनुसार हालारी और कच्छी प्रजाति की गधी का दूध काफी फायदेमंद होता है।
गुजरात सरकार (Gujrat Government) हालारी नस्ल की गधी (Halari Donkey) को दुधारू पशु की श्रेणी मे रख कर कमाई का जरिया बनाने का सोच रही है। बाजार में इस दूध की कीमत 7 हजार रुपए प्रति लीटर तक आंकी गई है। इसे दुनिया के सबसे महंगे दूध के तौर पर जाना जा सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक हालारी नस्ल की गधी के दूध में एंटी एजिंग, एंटी ऑक्सिडेंट और कई दूसरे कई औषधीय तत्व होते हैं। जिसके प्रयोग से शारीरिक बीमारियां दूर होती हैं। साथ ही रूप को निखारने में भी मदद मिलती है। कहा जाता है कि मिस्र देश की रानी क्लियोपेट्रा गधी के दूध से ही नहाती थीं। तभी वह देखने में काफी खूबसूरत थीं।
हालारी गधी दिखने में घोड़े जैसी होती है। ये सफेद रंग की होती हैं। हालांकि ये घोड़ों के मुकाबले कद में छोटी होती हैं। एक शोध में पाया गया कि गधी के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की शक्ति होती है। गधी का दूध शरीर में जहर फैल जाने, बुखार, थकान, आंखों में धब्बे, कमजोर दांत, छालों, दमा और स्त्री संबंधित कई रोगों को दूर करने में मददगार साबित होता है। अभी देश में इस व्यवासाय के बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं है। इसी के चलते गुजरात सरकार पशुपालकों की स्थिति को सुधारने के मकसद से इस विषय पर ज्यादा जोर दे रही है।
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