घर बैठे इन चीजों से बनाएं अपने हर कमजोर ग्रहों को मजबूत, हर स्थिति हो जाएगी आपके अनुकूल
ज्योतिष विद्या को ज्योतिष शास्त्र या फिर ज्योतिष विज्ञान के नाम से भी जाना जाता है। यह एक बेहद पुरानी ऐसी विद्या है, जिसकी चर्चा वेदों में भी की गयी है। ज्योतिष शास्त्र को अंग्रेजी में “एस्ट्रोलॉजी” कहते हैं।
जानकारों के अनुसार ज्योतिष में मनुष्य के भाग्य का अध्ययन ग्रहों और नक्षत्रों की चाल और प्रभाव से किया जाता है। पुराने समय में ग्रह, नक्षत्र और खगोलीय पिण्डों का अध्ययन करने के विषय को ही ज्योतिष कहते थे। ज्योतिष शास्त्र को हिन्दू धर्म के अनुसार वेद का एक अंग बताया गया है।
दरअसल माना जाता है कि सौरमण्डल में होने वाले परिवर्तन और मौजूद ग्रह-नक्षत्रों आदि के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए आदमी ने ग्रह-तारों आदि को देखना, परखना और समझना शुरू किया। धीरे-धीरे ग्रहों-नक्षत्रों की चाल इंसान की समझ में आने लगी। वह अपने आस-पास होने वाली घटनाओं को सौरमण्डल में मौजूद इन ग्रहों-नक्षत्रों की गतिविधियों से जोड़ने लगा और इस प्रकार यह एक शास्त्र बन गया, जिसे आज हम सभी ज्योतिष या ज्योतिष विद्या के नाम से जानते हैं। वेदो में ज्योतिष शास्त्र की प्रामाणिक परिभाषा मौजूद है।
‘ज्योतिषां सूर्यादि ग्रहाणां बोधकं शास्त्रम्’ इसका अर्थ है कि ग्रह (ग्रह, नक्षत्र, आदि) और समय का ज्ञान देने वाले विज्ञान को ज्योतिष विज्ञान कहते हैं।
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार संपूर्ण ज्योतिष की दुनिया 9 ग्रहों के इर्दगिर्द बुनी हुई है। जिनमें सूर्य, चंद्र, गुरु,मंगल, शनि, शुक्र,बुध के अलावा राहु, केतु नामक दो छाया ग्रह भी हैं। माना जाता है कि इन 9 ग्रहों की दशा, दिशा और स्थिति पर व्यक्ति के जीवन से जुड़ी भाग्य से लेकर अपमान व मान सम्मान तक की सभी स्थितियों सहित रुपए-पैसे, कॅरियर और प्रॉपर्टी से जुड़ी बातें निर्भर करती हैं। इन 9 ग्रहों को मजबूत बनाने के लिए घर की कुछ चीजें बड़ी असरदार मानी जाती हैं। इन्हीं चीजों में से एक हैं रसोई के मसाले। ऐसे में आज हम आपको बता रहे हैं कि इन ग्रहों की दशा को 9 प्रकार मसालों से कैसे सुधारा जा सकता है…
: सूर्य हमारे कॅरियर से लेकर हमारे मान, सम्मान व अपमान का तक कारक बनता है। इसमें रसोई में रखा नमक सबसे महत्वपूर्ण स्थिति निभाता है। माना जाता है कि नमक का सेवन करने से हमारा सूर्य ग्रह मजबूत होता है। सूर्य को कॅरियर और निरोगी शरीर का कारक माना जाता है। सूर्य को प्रसन्न करने से हमें आरोग्य की प्राप्ति होती है और कॅरियर में भी तरक्की होती है।
: मेथी का सेवन करने से देव सेनापति मंगल मजबूत होता है। मंगल पराक्रम का कारक है और इसकी शुभ और अनुकूल स्थिति जातक को निडर और साहसी बनाती है। इसके प्रभाव से जातक को शत्रुओं पर विजय पाने में सफलता मिलती है। मंगल के प्रभाव से जातक सामान्य रूप से किसी के आगे नहीं झुकता। पुलिस, सेना, अग्नि-शमन सेवाओं के क्षेत्र में मंगल का अधिकार है, खेल कूद इत्यादि में जोश और उत्साह मंगल के प्रभाव से ही प्राप्त होता है।
: सौंफ खाने से हमारा शुक्र और चंद्र मजबूत होता है। मंगलवार को सौंफ को गुड़ के साथ सेवन करना उचित माना जाता है। जानकारों के अनुसार जब आप घर से किसी काम के लिए निकल रहे हों, इसमें आप का मंगल ग्रह आपका काम पूरा करने में साथ देता है। ऐसे में सौंफ को मिश्री के साथ लें या उसके बिना उसके भी खाने के बाद, एसिडिटी और जी मिचलाने जैसी समस्या कम होने लगेंगी। वहीं सौंफ का सेवन करने से बुद्धिप्रदाता बुध भी बलशाली होता है। इससे व्यक्ति अपने जीवन में तमाम तरह के कष्टों से बचकर रहता है। कहते हैं कि कोई भी महत्वपूर्ण काम की शुरुआत करने से पहले थोड़ी सी सौंफ और गुड़ खा लेना चाहिए। इससे आपका काम सिद्ध होने की संभावना बढ़ जाती है।
: वहीं दालचीनी का प्रयोग मंगल ओर शुक्र ग्रह को ठीक करता है। अगर किसी का मंगल और शुक्र कुपित हैं, तो थोड़ी सी दालचीनी को शहद में मिलाकर ताज़े पानी के साथ लें। इससे आपकी शरीर में शक्ति बढ़ेगी और सर्दियों में कफ की समस्या कम परेशान करती है। माना जाता है कि दालचीनी के प्रयोग से शुक्र ग्रह बलशाली होता है और आपके वैवाहिक जीवन में सुख स्थापित होता है।
: काली मिर्च के सेवन से हमारा शुक्र और चंद्रमा अच्छा होता है। इसके सेवन से कफ की समस्या कम होती है और हमारी स्मरण शक्ति भी बढ़ती है। माना जाता है कि तांबे के किसी बर्तन में काली मिर्च डालकर डाइनिंग टेबल पर रखने से घर को नज़र नहीं लगती है। इसके साथ ही काली मिर्च को वास्तु के हिसाब से भी बहुत उपयोगी माना जाता है। काली मिर्च के उपयोग से घर से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है।
: जौ के प्रयोग से सूर्य और गुरु दोनों ग्रह ठीक होते हैं। वहीं कहा जाता है कि जौ के आटे की रोटी खाने से पथरी कभी नहीं होती है। जौ का प्रयोग हवन में भी किया जाता है। हवन में जौ का प्रयोग करने से सूर्य और गुरु दोनों ग्रह मजबूत होता है। जौ हमारी रसोई में आसानी से मिल जाती है। शनिवार को जौ और काले तिल बहते पानी में प्रवाहित करने से शनि की दशा में भी लाभ मिलता है।
: हरी इलायची के प्रयोग से बुध ग्रह मजबूत होता है। अगर किसी को दूध पचाने में परेशानी होती है। तो हरी इलायची दूध में पकाकर उसका सेवन करें। ऐसा करने से कोई परेशानी होगी। यह उन लोगों के लिए उपयोगी है जिनको दूध अपनी सेहत बनाए रखने या कैल्सियम के लिए दूध को पीना पड़ता है पर उसको पीकर पचाने में समस्या आती है।
: हल्दी से गुणकारी हमारी रसोई में कुछ भी नहीं होता है। माना जाता है कि हल्दी के प्रयोग से हमारा गुरु गुणकारी होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। हल्दी के सेवन से बृहस्पति ग्रह अच्छा होता है। हल्दी की गांठ को पीले धागे में बांधकर गुरुवार को गले में धारण करने से बृहस्पति के अच्छे फल मिलते हैं और आयुर्वेद के जानकारों के अनुसार हल्दी का दूध पीने से आर्थराइटिस में ज़बर्दस्त फायदा मिलता है। वहीं जिनके घर में विवाह योग्य जातकों की शादी में समस्या आती है, उन्हें गुरुवार के दिन हल्दी की गांठ लाल कपड़े में बांधकर अपने कपड़े रखने के स्थान पर रख देनी चाहिए। ऐसा करने से जल्द ही उनके घर में खुशखबरी सुनाई देती है।
: जीरा राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है। माना जाता है कि जीरे का सेवन खाने में करने से दैनिक जीवन में सौहार्द व शांति बनी रहती हैं। जीरे को मंगलवार के दिन दही में डालकर प्रयोग करना चाहिए। मान्यता के अनुसार ऐसा करने से जीरा शुभ फल देता है।
: वहीं हींग बुध ग्रह का प्रतिनिधित्व करती है। हींग का नित्य प्रतिदिन सेवन करने से वात व पित्त के रोग नियंत्रित होते हैं। हींग आपकी पाचन शक्ति भी बढ़ाती है व क्रोध समस्या से भी निजात दिलाती है। रात के वक्त या फिर शाम के वक्त घर से बाहर जाते समय रूमाल में थोड़ी सी हींग रख लेनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से आपके कार्य भी पूर्ण होते हैं और आप सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से भी दूर रहती हैं।
Source: Religion and Spirituality