10 करोड़ 'डूबे' पर स्वीमिंग पूल सूखा
इंदौर. पीपल्याहाना चौराहे के पास तैयार हो रहे अंतरराष्ट्रीय स्विमिंग पूल के संचालन को लेकर स्थिति साफ नहीं होने से इसे शुरू नहीं किया जा रहा है। करीब 22 करोड़ की लागत के इस प्रोजेक्ट का पहला चरण लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन इसे संचालित कौन करेगा इसे लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण (आइडीए) और खेल विभाग के बीच पहले आप, पहले आप का क्रम जारी है।
आइडीए ने पहले चरण का करीब 90 फीसदी काम पूरा कर दिया। जुलाई 2019 में पिछली सरकार के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने इस तरणताल पर अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वीमिंग एकेडमी खोलने का ऐलान करते हुए पूल को खेल विभाग को देने की बात कही थी। इसे लेकर फाइल भी चला दी गई, लेकिन नोटिफिकेशन जारी होने से पहले ही प्रदेश में सरकार बदल गई। उसके बाद कोरोना और फिर उपचुनाव की आचार संहिता के कारण स्विमिंग पूल के संचालन की स्थिति साफ नहीं हो रही है। जिला खेल अधिकारी का कहना है, अभी पूल हमारे विभाग को नहीं दिया है, जबकि आइडीए का कहना है हमने पूल खेल विभाग को देने से जुड़ा प्रस्ताव सरकार को दे रखा है। इसी बीच क्षेत्रीय विधायक महेंद्र हार्डिया ने आइडीए को प्रस्ताव दिया है, आइडीए ही तरणताल का दूसरा चरण भी पीपीपी मॉडल पर पूरा करे। अब इस उहापोह के बीच स्विमिंग पूल शुरू नहीं हो पा रहा है और शहर के खिलाडिय़ों को बड़ी सौगत मिलने में विलंब हो रहा है।
जनवरी 2020 में होना था शुरू
जुलाई 2019 को तत्कालीन खेल मंत्री जीतू पटवारी, महापौर मालिनी गौड़ सहित आइडीए और खेल विभाग के अफसरों ने निर्माणाधीन स्विमिंग पूल का दौरा किया था। इसके बाद ऐलान किया था, जनवरी 2020 में इसे शुरू कर दिया जाएगा, लेकिन संचालन की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से अब तक शुरू नहीं हो सका है। पूल, दर्शक दीर्घा, प्रैक्टिस पूल सहित फिल्टर प्लांट भी लगाया जा चुका है। टाइल्स सहित अन्य फिनिशिंग के कार्य बाकी हैं।
22 करोड़ का प्रोजेक्ट, पहले चरण में 10 करोड़
स्विमिंग पूल का काम दो चरण में होना है। 2017 में पहले चरण का काम शुरू हुआ। आरक्षित जमीन के एक हिस्से में ओलंपिक स्टैंडर्ड का पूल बनाने के साथ जिम, पार्र्किंग, एप्रोच रोड, फूड जोन, चेंजिंग रूम, होस्टल और दर्शक दीर्घा बनाई जाना है। पहले चरण का ठेका 10 करोड़ में दिया था। इसके बाद दूसरे चरण में होने वाले कामों में उपकरण लगाना हैं, जिस पर करीब 10 करोड़ रुपए खर्च होंगे। सारे उपकरण ओलंपिक स्तर के लगेंगे। इसमें वॉटर फिल्टर्स, टेम्परेचर रेग्यूलेटिंग यूनिट्स और अन्य उपकरण शामिल हैं।
क्या कहता है खेल विभाग
जिला खेल अधिकार जोसफ बक्सला का कहना है, जुलाई 2019 में स्विमिंग पूल खेल विभाग को शिफ्ट करने से जुड़े निर्देश खेल मंत्री ने दिए थे। कुछ कागजी कार्रवाई भी की गई थी, लेकिन अभी तक हमारे विभाग को पूल नहीं मिला है। आइडीए ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसके मुताबिक निर्माण लागत (22 करोड़) मिलने के बाद स्विमिंग पूल खेल विभाग को दिया जाएगा।
आइडीए के पास ही रहे स्टेडियम
आइडीए बोर्ड के सदस्य राजेश उदावत का कहना है, हमने शासन से मांग की है, यह स्विमिंग पूल का प्रोजेक्ट आइडीए के पास ही रहने दिया जाए ताकि पीपीपी मॉडल से बाकी काम करा कर इसे जल्द शुरू किया जा सके।
खत्म ही नहीं हो रहा इंतजार
जिला तैराकी संघ के सचिव रवींद्र दुबे का कहना है , पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्विमिंग पूल मिलने की उम्मीद बंधी है। वर्षों से इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं। पहले जमीन और बाद में फंड के कारण काम शुरू नहीं हुआ। अब जैसे-तैसे तैयार हुआ है तो जल्द शुरू किया जाए ताकि खिलाडिय़ों को फायदा तो मिले। पिछले करीब 10 साल से खिलाड़ी इसका इंतजार कर रहे हैं, जो अब तक खत्म ही नहीं हो रहा है।
नेशनल और इंटरनेशन टूर्नामेंट हो सकेंगे
तैराकी प्रशिक्षक राकेश जोशी का कहना है, पीपल्याहाना स्विमिंग पूल शुरू होने से शहर में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं हो सकेंगे। यह यहां के खिलाडिय़ों के लिए बड़ी सौगात होगी। उन्होंने बताया, पूरे प्रदेश की तुलना में सबसे अधिक राष्ट्रीय तैराक इंदौर से ही निकलते हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर का पूल नहीं होने से उनकी बेहतर प्रैक्टिस नहीं हो पाती है, यह प्रोजेक्ट पूरा होने से फायदा मिलेगा।
Source: Education