शनि और गुरु का महासंयोग 20 नवंबर से, जानें राशियों पर असर व इसके उपाय
इस वर्ष यानि 2020 में नवंबर का महीना दीपावली होने की वजह से तो खास है और साथ ही इस महीने में कई ज्योतिषीय संयोग ऐसे बन रहे हैं जो आपको किस्मत बदल सकते हैं। इन्हीं में से एक है गुरु और शनि का संयोग। 14 नवंबर को दीपावली के बाद 20 नवंबर को गुरु और शनि का शुभ योग बन रहा है। इसके तहत जहां शनि पहले से ही मकर राशि में विराजमान हैं, वहीं 20 नवंबर को देवगुरु बृहस्पति भी मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं और 05 अप्रैल 2021 तक शनि और गुरु इसी अवस्था में साथ-साथ रहेंगे।
20 नवंबर 2020 : स्कन्द षष्ठी, छठ पूजा
वहीं इसी दिन यानि 20 नवंबर 2020 को विशेष तौर पर छठ पूजा बिहार में बेहद ही धूमधाम से मनाई जाएगी। बिहार में इस पर्व को लेकर एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। छठ पूजा में मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा का विधान बताया गया है।
ग्रहों का महासंयोग…
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार शनि और गुरु की युति एक महासंयोग है क्योंकि यह दोनों ही ग्रह बहुत प्रभावशाली होने के साथ ही मंद गति से चलने वाले हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि लगभग ढाई वर्ष में और गुरु लगभग बारह से तेरह माह के अंतराल में अपना राशि परिवर्तन करते हैं और इस तरह इनका एक राशि में मिलन होने में कई साल लग जाते हैं।
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जहां बृहस्पति / गुरु की गणना नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह में होती है, तो वहीं शनि को क्रूर ग्रहों में प्रमुख माना जाता है। यह दोनों ही न्याय के पक्षधर होते हैं और जहां शनि क्रूरता से कर्म फल प्रदान करते हैं, वहीं बृहस्पति देव उदारता का परिचय देते हुए व्यक्ति को सही मार्ग पर आने का रास्ता दिखाते हैं।
जानें गुरु – शनि की इस युति का आप पर असर…
1. मेष राशि
मेष राशि के लोगों के दशम भाव में गुरु शनि युति करेंगे। यह भाव आपके कर्म का भाव है। इस युति के प्रभाव से आपको अपने कर्म क्षेत्र में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे और आप अपने कार्यस्थल पर साथ काम करने वालों की बहुत मदद करेंगे। इससे आपके प्रयासों को प्रशंसा मिलेगी। इस युति के प्रभाव से आपके पारिवारिक जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। वहीं कुछ लोगों को अपने पूर्वजों का मकान प्राप्त होने के योग बनेंगे।
2. वृषभ राशि
वृषभ राशि के लोगों के नवम भाव में गुरु शनि युति का प्रभाव दिखाई देगा, जिसके कारण ये लोग धार्मिक परोपकार के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे और सामाजिक सरोकार के कार्य भी करेंगे। इससे इनका मान सम्मान बढ़ेगा व इन्हें अनेक यात्राएं करने का मौका मिलेगा। समाज के गणमान्य लोगों में इन्हें उठने बैठने का मौका मिलेगा लेकिन यही समय इनकी नौकरी में व्यापक तौर पर बदलाव का समय रहेगा।
3. मिथुन राशि
शनि और गुरु की युति आपकी राशि से अष्टम भाव में होगी। यह समय आपको अध्यात्म के मार्ग में बहुत ही अच्छे अनुभव देगा। वहीं भौतिक तौर पर यह है युति आपके लिए अधिक अनुकूल नहीं होगी। इस समय में धन की हानि हो सकती है। आपके परिवार में इस युति के प्रभाव से कुछ अच्छे परिणाम भी देखने को मिलेंगे, जैसे कि परिवार में वृद्धि हो सकती है। आपका स्वास्थ्य थोड़ा कमजोर रह सकता है।
4. कर्क राशि
कर्क राशि के सप्तम भाव में गुरु शनि की युति होने से आपको उत्तम धन लाभ की प्राप्ति होगी। इस समय में आपके व्यापार का विस्तार होगा और आपकी दूरदर्शिता आपके काम आएगी। आपका स्वास्थ्य भी मजबूत बनेगा साथ ही आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और समाज में आपकी छवि मजबूत होगी। आपकी लोकप्रियता में इजाफा देखने को मिलेगा तथा कार्य क्षेत्र में पदोन्नति होने के प्रबल योग बनेंगे लेकिन आपको आत्माभिमान से बचना होगा।
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5. सिंह राशि
सिंह राशि के छठे भाव में बृहस्पति और शनि की युति के प्रभाव से आपको स्वास्थ्य समस्याएं परेशान कर सकती हैं। आपको अपच, एसिडिटी, गैस, गुर्दों में समस्या या मूत्र संबंधित रोग हो सकते हैं। इस समय में आपको कोई भी नया मुकदमा दायर करने से बचना चाहिए, लेकिन यदि कोई मुकदमा लंबित है तो वह आपके पक्ष में आ सकता है। खर्चों में बढ़ोतरी होगी और परिवार में किसी सदस्य की बीमारी आपकी चिंता का कारण बन सकती है।
6. कन्या राशि
आपकी राशि के पंचम भाव में गुरु शनि की युति अपना प्रभाव दिखाएगी, जिसके परिणाम स्वरूप प्रेम संबंधों में परेशानियां आएंगी। एक दूसरे को समझने में समस्या आएगी, लेकिन यदि आप एक दूसरे से सच्चा और निश्चल प्रेम करते हैं तो यह समय आपके प्रेम जीवन को मजबूती देगा। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे परिणाम मिलने का समय आ गया है। यदि आप शादीशुदा हैं तो संतान की वृद्धि हो सकती है। इसके अतिरिक्त आपकी आमदनी में अच्छी वृद्धि देखने को मिलेगी और समाज में आपका स्थान मजबूत होगा। कुछके नौकरी बदलने के भी योग बनेंगे।
7. तुला राशि
आपके चतुर्थ भाव में गुरु शनि की युति आपके परिवार में उथल-पुथल मच सकती है। इस समय काल में आप अपना निवास स्थान बदल सकते हैं। इस इसके अतिरिक्त कोई नई मशीन लाकर अपनी फैक्ट्री में लगा सकते हैं। आपके कार्यक्षेत्र में भी यह युति आपको जबरदस्त लाभ देगी और आपके काम की हर ओर प्रशंसा होगी। परिवार में पूजा पाठ या ऐसा ही कोई धार्मिक कार्यक्रम संपन्न हो सकता है।
8. वृश्चिक राशि
आपके तीसरे भाव में गुरु शनि युति के प्रभाव से आप अनेक यात्राएं करेंगे और आपका आचरण भी धार्मिक होगा। समाज में अत्यधिक यश और कीर्ति की प्राप्ति होगी। आमदनी में भी बढ़ोतरी होने की संभावना के बीच आप अपने आलस्य के कारण यह मुख्य मौक़ों को गंवा भी सकते हैं। यह दूसरों का भला करने के चक्कर में कुछ कष्ट भी उठा सकते हैं। इस समय काल में आपको अपने साथ काम करने वालों पर विशेष ध्यान देना होगा व छोटे भाई-बहनों के स्वास्थ्य को लेकर संजीदा रहना होगा।
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9. धनु राशि
धनु राशि के दूसरे भाव में शनि गुरु की युति होगी, जिसके प्रभाव से आपकी वाणी में गंभीरता बढ़ेगी। आपकी बात से लोग प्रभावित होंगे और इसका आपको अच्छा लाभ मिलेगा। लेकिन, इस युति के प्रभाव से आपके परिवार में कुछ तनाव देखने को मिल सकता है व संपत्ति को लेकर तीखी नोक झोंक भी हो सकती है। आर्थिक तौर पर यह ग्रह संयोजन आपके लिए फ़ायदेमंद साबित होगा। आपको अपने स्वास्थ्य का थोड़ा ध्यान रखना होगा, क्योंकि बीमार पड़ने की संभावना बन सकती है।
10. मकर राशि
मकर राशि के लिए शनि गुरु की यह युति बहुत ही महत्वपूर्ण रहेगी क्योंकि यह आपकी राशि में ही हो रही है। इसके प्रभाव से आपको अचानक से अत्यधिक प्रसिद्धि मिल सकती है। समाज के लोगों द्वारा आपको किसी ऊंचे पद पर बिठाया जा सकता है। आप किसी संस्था के अधिकारी बन सकते हैं, लेकिन आपको जोड़ों में दर्द या गैस की समस्या हो सकती है। व्यापार के मामले में यह युति आपके लिए अधिक फ़ायदेमंद रहेगी। इस गोचर के प्रभाव से आपके दांपत्य जीवन में नजदीकियां बढ़ेंगी।
11. कुंभ राशि
कुंभ राशि से बारहवें भाव में गुरु शनि की युति होगी, जिसकी वजह से आपके खर्चों में अचानक से बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इस युति के चलते आप दूसरों की मदद करेंगे, लेकिन वे लोग आपकी मदद का अनुचित लाभ भी उठा सकते हैं, इसलिए आपको थोड़ा सतर्क रहें। इसके अलावा आपको कोर्ट कचहरी के मामलों में अधिक धन खर्च करना पड़ेगा और आपके विरोधी इस समय काल में अधिक प्रबल हो जाएंगे, इसलिए उनके प्रति सावधानी बरतनी आवश्यक होगी।
12. मीन राशि
आपकी राशि के ग्यारहवें भाव में शनि गुरु की युति होने से आपकी आमदनी में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलेगी। इस समय काल में आपके संबंध समाज के गणमान्य लोगों से बनेंगे और आपको सोसाइटी में ऊंचा स्थान प्राप्त होगा। आपको कोई बड़ा पद भी प्राप्त हो सकता है। यदि आप नौकरी करते हैं तो आप के वरिष्ठ अधिकारी आपसे प्रसन्न रहेंगे, जिसकी वजह से आपको अधिक लाभ मिलेंगे। आपके प्रेम जीवन के लिए यह समय थोड़ा कष्टकारी रहेगा और आपकी परीक्षा की घड़ी होगी। शिक्षा के क्षेत्र में यह युति आपको उचित परिणाम प्रदान करेगी।
गुरु शनि योग : खास क्या?
ज्योतिष की नजर में गुरु और शनि का योग बेहद अहम माना जाता है। गुरु और शनि का मिलन होना सम संबंध को दर्शाता है। यानी ये दोनों ही ग्रह एक-दूसरे से किसी प्रकार का बैर नहीं रखते। अर्थात ये किसी प्रकार से एक-दूसरे को नुकसान नहीं पहुंचाते। शनि गुरु का सम्मान करते हैं। शनि को कर्मों का देवता माना जाता है, तो वहीं गुरु आपको अच्छे कर्मों का फल देते हैं और आपके कॅरियर की दशा और दिशा तय करते हैं।
5 अप्रैल 2021 तक शनि और गुरु के इस विशेष संयोग से आपको लाभ मिलता रहे, इसके लिए आज हम आपको बता रहे हैं कुछ खास उपाय।
उपाय:
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिवार के दिन सूर्योदय से पहले पीपल की विधिविधान से पूजा करने से आपको पुण्य फल की प्राप्ति होती है। शनिवार को पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाएं। ऐसा करने से आप पर शनिदेव की विशेष कृपा होती है और आपको अच्छे कर्मों का फल प्राप्त होता है।
: एक शनिवार से शुरु करके लगातार कम से कम 11 शनिवार तक 108 बार शनि स्त्रोत का पाठ करें। ऐसा करने से आपको शनि की दशा में भी राहत मिलती है और आपको अच्छे फलों की प्राप्ति होती है।
: शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से बहुत राहत मिलती है। माना जाता है कि रविवार को छोड़कर रोजाना 43 दिन तक शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करने से आपको राहत मिलती है। ऐसा करने से शनिदेव आपकी सभी प्रकार गलतियों को क्षमा करते हैं और आपको शीघ्र ही अच्छे फलों का कर्म देते हैं।
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: शनिवार के दिन काली गाय, काले कुत्ते और फिर काली चिड़ियों को दाना डालना चाहिए। इसके साथ ही मछलियों को भी आटे की गोलियां खिलाने से आपको शनि की दशा में लाभ प्राप्त होता है और आपके बिगड़े हुए काम फिर से बनने लगते हैं।
: शनि के दोष दूर करने के लिए हनुमानजी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती से परेशान चल रहे हैं तो प्रतिदिन हनुमान जी की आराधना करें। मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से सुंदरकांड का पाठ करें और हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
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Source: Religion and Spirituality