विचार मंथन : जो सूरज की तरह जलेगा वही सूरज की तरह चमकेगा भी- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम
अपने लक्ष्य में सफल होने के लिए, आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकमात्र दृढ़ भक्ति होना चाहिए। शिक्षण एक बहुत ही बढ़िया पेशा है जो एक व्यक्ति के चरित्र, क्षमता और भविष्य को आकार देता है। अगर लोग मुझे एक अच्छे शिक्षक के रूप में याद करते हैं, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा। यदि आप सूरज की तरह चमकना चाहते हैं, तो पहले सूरज की तरह जलें।

15, 16 या 17 साल वह उम्र हैं, जब बच्चे यह तय करते हैं कि वे डॉक्टर, इंजीनियर, या राजनेता बनना चाहते हैं या मंगल या चाँद के पास जाना चाहते हैं। यही समय है कि वे एक सपना देखना शुरू करते हैं, और यही वह समय होता है जब आप उन पर काम कर सकते हैं। आप उनके सपने को आकार देने में मदद कर सकते हैं।

आसमान की ओर देखो, हम अकेले नही है। पूरा ब्रह्मांड हमारे लिए मैत्रीपूर्ण है और केवल उन लोगों को सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार है जो सपने देखते है और उसके लिए काम करते हैं। विज्ञान मानवता के लिए एक सुंदर उपहार है; हमें इसे बिगाड़ना नहीं चाहिए। यदि कोई देश भ्रष्टाचार मुक्त होना चाहता है, तो मैं दृढ़ता से कह सकता हूं कि तीन प्रमुख सामाजिक सदस्य हैं जो इस काम को कर सकते हैं। वे है– पिता, माता और शिक्षक। सपने सच होने से पहले आपको सपने देखने होंगे। आप देख सकते हैं, ईश्वर केवल उन लोगों की मदद करता है जो कड़ी मेहनत करते हैं। यह सिद्धांत बहुत स्पष्ट है।

अगर आपका उद्देश्य छोटा है तो, छोटा उद्देश्य एक अपराध है; हमेशा महान चुने। पक्षी अपने जीवन से शक्ति लेते है और इसी से प्रेरणा लेते है। यदि इन चार चीजों का पालन किया जाये तो कुछ भी हासिल किया जा सकता है और वे है – एक महान उद्देश्य, ज्ञान प्राप्त करना, कड़ी मेहनत करना और दृढ़ता उत्कृष्टता एक निरंतर प्रक्रिया है, कोई दुर्घटना नहीं। अनोखा बनने के लिए आपको सबसे कठिन चुनौती का सामना करना होगा जिसकी कोई भी कल्पना नहीं कर सकता जब तक कि आप अपने लक्ष्य तक पहुंच न जाएं।

जहां दिल में सच्चाई है, वहां चरित्र में सुंदरता है. जब चरित्र में सौंदर्य होता है, तो घर में सद्भाव होता है जब घर में सद्भाव होता है, तो देश में व्यवस्था होती है। जब देश में व्यवस्था होती है, तो दुनिया में शांति होती है।
Source: Religion and Spirituality