आईआईटी कानपुर का निर्मित बैंडेज, साल भर में बाजार में आने की उम्मीद, जानिए इसकी खूबी
कानपुर-कानपुर के आईआईटी में एक ऐसा बैंडेज तैयार किया गया है, जिसमें चोट लगने पर वायरस बैक्टीरिया नुकसान नहीं पहुंचा पाते है। साथ ही संक्रमण से बचाता है। बताया गया कि संक्रमण से बचाने वाले बैंडेज के इनोवेशन को लंदन की ग्लोबल बिजनेस मैगजीन ने भारत के टॉप-10 अमेजिंग इनोवेशन में सम्मिलित किया है। यह बैंडेज न केवल शरीर के बाहरी अंगों पर लगी हल्की चोटों को ठीक करता है, बल्कि संक्रमण से भी बचाता है। इस बैंडेज को ई-स्पिन नैनोटेक के डायरेक्टर डॉ. संदीप पाटिल, तुषार देशपांडे, सेंटर फॉर नैनो साइंसेज में प्रोजेक्ट एसोसिएट योगेश सिंह ने डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के सचिव डॉ. आशुतोष शर्मा, प्रो. योगेश जोशी की देखरेख में तैयार किया है।
डॉ. संदीप ने बताया कि अभी जो बैंडेज हैं, उनमें हवा का आवागमन नहीं होता है। इससे चोट सूखने में समय लगता है और इससे फैलने वाला संक्रमण भी खत्म नहीं होता। डॉ. पाटिल ने कहा कि इसमें हवा का वेंटीलेशन भी होता है, लेकिन वायरस और बैक्टीरिया उसे नुकसान नहीं पहुंचा सकते हैं। कहा कि यह बैंडेज अस्पताल पहुंचने तक ब्लड को रोकने का भी काम करेगा। तुषार पांडे का दावा है कि अतिसूक्ष्म छिद्र वाला इस तरह का बैंडेज अभी तक भारत में नहीं बना है। इसका पेटेंट भी करा लिया गया है। उन्होंने कहा कि तकनीक को मार्केट में लाने के लिए कई कंपनियों से बातचीत चल रही है। साल भर में इसके मार्केट में आने की उम्मीद है।
Source: Lifestyle
