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बाबा भैरव के सेवक श्वान (डॉग्स) भी देते हैं आपके साथ होने वाली घटनाओं का संकेत! ऐसे समझें

सनातन धर्म में केवल देवी देवताओं को ही नहीं बल्कि उनके वाहनों को भी सम्मान दिया जाता है। ऐसे में जहां भगवान शिव के नंदी, भगवान विष्णु के गरुड तो देवी दुर्गा के शेर को तक श्रृद्धा की दृष्टि से देखा जाता है। वहीं बाबा भैरव का सेवक कुत्ता यानि श्वान है। शास्त्रों के अनुसार कुत्ते को भैरव जी का सेवक माना जाता है।

माना जाता है कि कुत्ते को भोजन देने से बाबा भैरव प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की आकस्मिक संकटों से रक्षा करते हैं। इसके अलावा मान्यता ये भी है कि कुत्ते को प्रसन्न रखने से भैरव भगवान आसपास यमदूत को भी फटकने नहीं देते। वहीं बाबा भैरव का दिन सप्ताह में शनिवार माना जाता है। वहीं शनिवार के दिन श्वान की सेवा को कई जगह महत्व भी दिया गया है।

इसके अलावा न्याय के देवता शनिदेव का भी साप्ताहिक दिनों में शनिवार दिन माना गया है। शनिदेव का सबसे प्रमुख वाहन गिद्ध हैं, तो वहीं इनके अलावा घोड़ा, गधा, सियार, हाथी,मोर, हिरण और कुत्ते यानि श्वान को भी उनका वाहन माना जाता है।

हिंदू धर्म में पशु-पक्षियों को लेकर शकुन-अपशकुन की कईं मान्यताएं प्राचीन समय से चली आ रही है। इनमें से कुछ मान्यताएं श्वानों से भी जुड़ी हैं। वहीं श्वान को शकुन शास्त्र में शकुन रत्न कहा गया है, क्योंकि श्वान इंसानों के काफी करीब है। शकुन शास्त्र के अनुसार श्वान के क्रिया-कलापों को देखकर भविष्य में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि वर्तमान समय में इन बातों पर विश्वास करना काफी कठिन है, लेकिन इन बातों को सिरे से नकारा भी नहीं जा सकता।

Saturday is the day of baba bherav and shanidev

चूंकि आज शनिवार का ही दिन है और शनिवार को ही बाबा भैरव और शनिदेव का दिन माना गया है। ऐसे में आज हम आपको बाबा भैरव की सवारी श्वान (कुत्तों) से जुड़े शकुन-अपशकुन के बारे में बताने जा रहे हैं…

1- शकुन शास्त्र के अनुसार श्वान/कुत्ता यदि अचानक धरती पर अपना सिर रगड़े और यह क्रिया बार-बार करे, तो उस स्थान पर गड़ा धन होने की संभावना होती है।

2- यदि यात्रा करते समय किसी व्यक्ति को श्वान अपने मुख में रोटी, पूड़ी या अन्य कोई खाद्य पदार्थ लाता दिखे तो उस व्यक्ति को धन लाभ होने की संभावना बनती है।

3- जिसके घर में कोई श्वान बहुत देर तक आकाश, गोबर, मांस, विष्ठा देखता है, तो उस मनुष्य को सुंदर स्त्री की प्राप्ति और धन का लाभ होने के योग बनते हैं।

4- यदि किसी रोगी के सामने कुत्ता अपनी पूंछ या ह्रदय स्थल बार-बार चाटे तो शकुन शास्त्र के अनुसार बहुत ही जल्दी उस रोगी की मृत्यु होने की संभावना रहती है।

5- यात्रा के लिए जाते हुए यदि कोई श्वान बांई ओर संग-संग चले तो सुंदर स्त्री और धन की प्राप्ति हो सकती है। यदि दाहिनी ओर चले तो चोरी या और किसी प्रकार से धन हानि की सूचना देता है।

6- यदि किसी जुआरी को जुआ खेलते जाते समय दाईं ओर श्वान मैथुन करता मिले तो उसे जुएं में अत्यधिक लाभ होने की संभावना रहती है।

7- यदि किसी स्थान पर बहुत से श्वान एकत्रित होकर भौंके तो वहां रहने वाले लोगों पर कोई बड़ी विपत्ति आती है या फिर वहां के लोगों में भयंकर लड़ाई-झगड़ा होता है।

8- यदि कुत्ता बाएं घुटने को सूंघते हुए दिखे तो धन प्राप्ति हो सकती है और दाहिने घुटने को सूंघता दिखे तो पत्नी से झगड़ा हो सकता है। बांई जांघ को सूंघे तो स्त्री से समागम और दाईं जांघ को सूंघे तो मित्र से वैर होने की संभावना रहती है।

9- भोजन करते समय यदि कोई कुत्ता आपके सामने आकर अपनी पूंछ उठाकर सिर को हिलाता है, तो वह भोजन नहीं करना चाहिए क्योंकि वह भोजन करने से रोगी होने की संभावना रहती है।

10- यदि किसी यात्री को देखकर श्वान भय से या क्रोध से गुर्राता है अथवा बिना किसी कारण से इधर-उधर चक्कर काटे तो उस यात्रा करने वाले को धन की हानि हो सकती है।

11- यदि किसी व्यक्ति की चारपाई के नीचे घुसकर कुत्ता / श्वान भौंकता है, तो उस चारपाई पर सोने वाले को रोग और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

12- यदि श्वान पेड़ के नीचे खड़ा होकर भौंकता है तो ये वर्षाकाल में अच्छी वर्षा का संकेत होता है।

13- किसी किसान को हल ले जाते हुए रास्ते में श्वान बांई और मिल जाए और फिर घर आते समय दाहिनी ओर मिले तो उसकी उपज अच्छी होती है।

14- श्वान यदि अपनी जीभ से अपने दाहिने अंग को चाटता है अथवा खुजलाता है तो ये कार्य सिद्धि की सूचना है या जीभ से पेट को छूता हुआ दिखाई दे तो लाभ होता है।

15- यात्रा पर जाते समय श्वान / कुत्ता जूते लेकर भाग जाए या किसी ओर के जूते लेकर सामने आ जाए तो निश्चित रूप से उस व्यक्ति के धन को चोर चुरा लेते हैं।


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Source: Religion and Spirituality

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