बेटे ने पैसों के लिए किया पिता का मर्डर
ग्वालियर। 6 दिन पहले रायरू गांव में किसान राजेन्द्र राजपूत 52 के अंधेकत्ल का राज खुल गया है। उनका बेटा ही कत्ल का मास्टरमाइंड निकला है। पिता की हत्या उसने दोस्त के साथ मिलकर की थी। दरअसल किसान ने डेढ करोड में पुश्तैनी जमीन का सौदा किया था बेटा चाहता था पिता उसे अपने हिस्से में आई रकम थमा दे। जब पैसा नहीं मिला तो पिता को मारने का खाका खींच लिया
खेत से लौटते वक्त उन्हें दबोच कर गला घोंट दिया। कटटे के बट से चेहरे पर दनादन वार किए। जब भरोसा हो गया कि पिता की जान निकल गई है तो तमंचा और खून से सने कपडे नाले मेंं फेंककर घर आ गया। ५ दिन बाद मंगलवार को पुलिस ने पिता की हत्या का खाका खींचने वाले बेटे और उसके दोस्त को दबोच लिया।
पुरानी छावनी टीआई सुधीर सिंह कुशवाह ने बताया रायरू गांव निवासी राजेन्द्र पुत्र रामरतन राजपूत की 2६ फरवरी को हत्या हुई थी। उनका शव रात करीब ११:३० बजे खेत और घर के रास्ते में पडा मिला था। राजेन्द्र की हत्या उनके बेटे प्रमोद राजपूत ने दोस्त अशीष उपाध्याय के साथ मिलकर की थी।
दरअसल प्रमोद को आईपीएल का सटटा लगाने की लत है। इसमें काफी रकम फूंक चुका है। उस पर करीब 5 लाख से ज्यादा का कर्ज था। हाल में राजेन्द्र सिंह ने बिलौआ में पुश्तैनी जमीन को डेढ करोड में बेचा था। उसमें राजेन्द्र के हिस्से में ३६ लाख रू आया था। प्रमोद चाहता था पिता पूरा पैसा उसे दे दे। लेकिन राजेन्द्र सिंह ने इस रकम में 2५ लाख का मकान खरीद लिया था। ५ लाख रू प्रमोद की उधारी भी पटाई थी। लेकिन प्रमोद पिता से बैर रख गया।
७ महीने से प्लानिंग, ऐसे दिया अंजाम
राजेन्द्र के पास कई जगहों पर जमीन, मकान थे। प्रमोद सब कुछ हासिल करना चाहता था। इसलिए करीब ७ महीेने से पिता की हत्या का खाका खींच रहा था। लेकिन उसे मौका नहीं मिल पाया था। अब पिता ने पुश्तैनी जमीन को बेचकर मिली रकम देने से मना कर दिया तो प्रमोद बौखला गया। उसने गांव में रहने वाले दोस्त आशीष उपाध्याय को प्लान में शामिल किया। पुलिस ने बताया कि प्रमोद ने आशीष से भी 5 लाख रू उधार ले रखा था।
दोस्त को पैसा आशीष ने अपनी पत्नी के जेवर गिरवी रखकर दिया था। अब प्रमोद से रकम वापस मांग रहा था। इसलिए प्रमोद ने उससे सौदा किया पिता को मारने में उसका साथ देगा तो उधार दिए ५ लाख रू तो वापस मिलेंगे इसके अलावा पिता की संपति में से ५ लाख रू और उसे देगा।
घात लगाकर किया कत्ल
प्रमोद को पिता के खेत आने जाने का रूटीन पता था। 2६ फरवरी को राजेन्द्र शाम चार बजे खेत के लिए गए तो प्रमोद और अशीष उनके रास्ते में घात लगाकर बैठ गए। शाम करीब ७ बजे राजेन्द्र खेत से वापस लौटे तो दोनों ने उन्हें रास्ते के सूनसान हिस्से में घेर लिया। आशीष ने पहले राजेन्द्र पर पीछे से फायर किया लेकिन गोली राजेन्द्र की कनपटी के बाजू से निकल गई।
वह जान बचाक भागे तो प्रमोद ने आशीष के साथ मिलकर पिता को दबोच लिया। साफी से उनका गला घोंटा, फिर भी भरोसा नहीं हुआ कि पिता की मौत हो गई तो तमंचे के बट से उनके चेहरे पर दनादन वार किए। इसमें आशीष के कपडे खून से सन गए। हत्या के बाद दोनों राजेन्द्र के शव को खेत पर पडा छोडकर वहां से खिसक गए। रायरू नाले में जाकर कपडे और तमंचा फेंका फिर घर जाकर चुप्पी साध गए।
हत्या को लेकर किया हंगामा, नाटक
पुलिस ने बताया कि पिता की हत्या करने के बाद प्रमोद चुपचाप घर लौट गया। रात को उनकी तलाश का नाटक किया। जब शव मिल गया तो वहां बेहोश होने का नाटक कर अस्पताल में भर्ती हो गया। लेकिन हत्या के बाद से आशंका थी राजेन्द्र के कत्ल में कोई नजदीकि शामिल है इसी थ्योरी पर कत्ल करने वाले को तलाशा तो पता चला कि प्रमोद की संगत ठीक नहीं है। उसने कई लोगों से रकम उधार ले रखी है।
राजेन्द्र की हत्या से सिर्फ प्रमोद को फायदा होने वाला था। उसे पैसा देने वाले आशीष को सबसे पहले राउंडअप किया। क्योंकि गांववालों ने बताया था आशीष रकम वापसी के लिए राजेन्द्र और प्रमोद पर दवाब बना रहा था। उससे पूछताछ की तो अंधे कत्ल का राज खुल गया। आशीष के खुलासे पर प्रमोद को दबोचा।
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