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April 2021: जानें इस माह के त्यौहार, पर्व व शुभ मुहूर्त

साल 2021 का तीसरा महीना यानी मार्च चंद दिनों बाद खत्म होने वाला है, इसके बाद अप्रैल शुरु हो जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, अब अप्रैल 2021 में पापमोचिनी एकादशी, चैत्र नवरात्रि, विनायक चतुर्थी, प्रदोष व्रत के अलावा कामदा एकादशी व चैत्र पूर्णिमा जैसे कई व्रत और त्योहार आएंगे।

दरअसल इससे पहले 2020 में कोरोना के चलते त्यौहारों की रौनक फीक रही है, लेकिन वर्ष 2021 से लोगों को कई उम्मीदें हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नए साल में त्यौहारों की रंगत और भी ज्यादा होगी। लेकिन वर्तमान में अचानक फिर से कोरोना का संक्रमण बढ़ने से एक बार फिर लोगों के माथों पर चिंता की लकीरें गहरा गईं हैं।

तो आइये जानते हैं कि अप्रैल 2021 में कौन-कौन से मुख्य व्रत और त्यौहार आएंगे-













अप्रैल 2021 – साप्ताहिक वार – त्यौहार
07 अप्रैल – बुधवार – पापमोचिनी एकादशी
09 अप्रैल – शुक्रवार – प्रदोष व्रत
10 अप्रैल – शनिवार – मासिक शिवरात्रि
13 अप्रैल – मंगलवार – चैत्र नवरात्रि प्रारंभ,घटस्थापना, उगाडी , गुड़ी पड़वा
14 अप्रैल – बुधवार – बैसाखी , चेटी चंड , अम्बेडकर जयन्ती
16 अप्रैल – शुक्रवार – विनायक चतुर्थी
21 अप्रैल – बुधवार – राम नवमी
22 अप्रैल – गुरुवार – चैत्र नवरात्रि पारणा
23 अप्रैल – शुक्रवार – कामदा एकादशी







24 अप्रैल – शनिवार – शनि प्रदोष
26 अप्रैल – सोमवार – चैत्र पूर्णिमा
27 अप्रैल – मंगलवार – हनुमान जयंती
30 अप्रैल – शुक्रवार – संकष्टी चतुर्थी

1. पापमोचिनी एकादशी, 07 अप्रैल 2021…
पापमोचनी एकादशी का अर्थ है पाप को नष्ट करने वाली एकादशी। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पापमोचनी एकादशी के दिन किसी की निंदा और झूठ बोलने से बचना चाहिए। इस व्रत को करने से ब्रह्महत्या, स्वर्ण चोरी, मदिरापान, अहिंसा और भ्रूणघात समेत अनेक घोर पापों के दोष से मुक्ति मिलती है।

शुभ मुहूर्त:
पापमोचनी एकादशी पारणा मुहूर्त :13:39:14 से 16:10:59 तक 8, अप्रैल को
अवधि : 2 घंटे 31 मिनट
हरि वासर समाप्त होने का समय :08:42:30 पर 8, अप्रैल को

2. चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, 13 अप्रैल 2021…

घटस्थापना मुहूर्त –
शुभ मुहूर्त- 13 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 28 मिनट से सुबह 10 बजकर 14 मिनट तक
शुभ मुहूर्त की अवधि- 04 घंटे 15 मिनट

चैत्र नवरात्रि 2021 की तिथियां…




नवरात्रि – तारीख – देवी मां













: नवरात्रि का पहला दिन -13 अप्रैल 2021 – शैलपुत्री
: नवरात्रि का दूसरा दिन -14 अप्रैल 2021 – ब्रह्मचारिणी
: नवरात्रि का तीसरा दिन -15 अप्रैल 2021 – चंद्रघंटा
: नवरात्रि का चौथा दिन -16 अप्रैल 2021 – कूष्मांडा
: नवरात्रि का पांचवां दिन -17 अप्रैल 2021 – स्कंदमाता
: नवरात्रि का छठा दिन -18 अप्रैल 2021 – कात्यायनी
: नवरात्रि का सातवां दिन -19 अप्रैल 2021 – कालरात्रि
: नवरात्रि का आठवां दिन – 20 अप्रैल 2021 – महागौरी
: नवरात्रि का नौवां दिन -21 अप्रैल 2021 – सिद्धिदात्री
: नवरात्रि का दसवां दिन -22 अप्रैल 2021 – व्रत पारण

3. विनायक चतुर्थी, 16 अप्रैल 2021…
विनायक चतुर्थी प्रत्येक माह में किया जाने वाला व्रत है। इस व्रत को करने से भगवान व्यक्ति के जीवन के सभी दुख कष्ट और परेशानियां दूर करते हैं। इसके अलावा गणेश चतुर्थी का यह व्रत जीवन में सुख समृद्धि के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण माना गया है।

हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कहा जाता है कि, जो कोई भी व्यक्ति गणेश चतुर्थी का व्रत करता है उसके जीवन में आने वाली सभी प्रकार की परेशानियां और कष्ट दूर होते हैं।

4. प्रदोष व्रत, 09 व 24 अप्रैल 2021…
प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष को त्रयोदशी मनाते है। प्रत्येक पक्ष की त्रयोदशी के व्रत को प्रदोष व्रत कहा जाता है। सूर्यास्त के बाद और रात्रि के आने से पहले का समय प्रदोष काल कहलाता है। इस व्रत में भगवान शिव कि पूजा की जाती है।

हिन्दू धर्म में व्रत, पूजा-पाठ, उपवास आदि को काफी महत्व दिया गया है। ऐसा माना जाता है कि सच्चे मन से व्रत रखने पर व्यक्ति को मनचाहे वस्तु की प्राप्ति होती है। वैसे तो हिन्दू धर्म में हर महीने की प्रत्येक तिथि को कोई न कोई व्रत या उपवास होते हैं लेकिन लेकिन इन सब में प्रदोष व्रत की बहुत मान्यता है।

ऐसे में 09 अप्रैल 2021 को प्रदोष व्रत (कृष्ण) शुक्र प्रदोष रहेगा। वहीं 24 अप्रैल 2021 को शनि प्रदोष व्रत (शुक्ल) रहेगा।

प्रदोष व्रत को हिन्दू धर्म में बहुत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पूरी निष्ठा से भगवान शिव की अराधना करने से जातक के सारे कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार एक प्रदोष व्रत करने का फल दो गायों के दान जितना होता है।

5. कामदा एकादशी, 23 अप्रैल 2021…
इस एकादशी व्रत को भगवान विष्णु का उत्तम व्रत कहा गया है। कामदा एकादशी के दिन भगवान वासुदेव का पूजन किया जाता है। मान्यता के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है और पापों का नाश होता है। इस एकादशी व्रत से एक दिन पूर्व यानि दशमी की दोपहर को जौ, गेहूं और मूंग आदि का एक बार भोजन करके भगवान का स्मरण करना चाहिए।

कामदा एकादशी व्रत मुहूर्त…
कामदा एकादशी पारणा मुहूर्त :05:47:12 से 08:24:09 तक 24, अप्रैल को
अवधि :2 घंटे 36 मिनट

कामदा एकादशी व्रत की पूजा विधि…
: इस दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान की पूजा-अर्चना करें।
: पूरे दिन समय-समय पर भगवान विष्णु का स्मरण करें और रात्रि में पूजा स्थल के समीप जागरण करना चाहिए।
: एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए।
: एकादशी व्रत में ब्राह्मण भोजन और दक्षिणा का महत्व है इसलिए पारण के दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं व दक्षिणा देकर विदा करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें।

6. चैत्र पूर्णिमा, 26 अप्रैल 2021…
चैत्र मास में आने वाली पूर्णिमा को चैत्र पूर्णिमा कहा जाता है। चैत्र पूर्णिमा को चैती पूनम के नाम से भी जाना जाता है। चूंकि चैत्र मास हिन्दू वर्ष का प्रथम मास होता है इसलिए चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है।

इस दिन भगवान सत्य नारायण की पूजा कर उनकी कृपा पाने के लिये भी पूर्णिमा का उपवास रखते हैं। वहीं रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा की जाती है। उत्तर भारत में चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है। चैत्र पूर्णिमा पर नदी, तीर्थ, सरोवर और पवित्र जलकुंड में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

चैत्र पूर्णिमा व्रत मुहूर्त…
अप्रैल 26, 2021 को 12:46:12 से पूर्णिमा आरम्भ
अप्रैल 27, 2021 को 09:03:15 पर पूर्णिमा समाप्त

चैत्र पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि-
: चैत्र पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
: स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान सत्य नारायण की पूजा करनी चाहिए।
: रात्रि में विधि पूर्वक चंद्र देव का पूजन करने के बाद उन्हें जल अर्पण करना चाहिए।
: पूजन के बाद व्रती को कच्चे अन्न से भरा हुआ घड़ा किसी ज़रुरतमंद व्यक्ति को दान करना चाहिए।



Source: Religion and Spirituality