fbpx

आध्यात्मिक जागरण से आएगी सच्ची एकता: आचार्य देवेंद्रसागर

बेंगलूरु. शांतिनगर जैन मूर्ति पूजक संघ में विराजित आचार्य देवेंद्रसागर सूरी ने प्रवचन में कहा कि हम शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक क्षेत्रों में किसी भी ऊंचाई पर पहुंच जाएं, लेकिन जब तक हम आध्यात्मिक रूप से जागृत नहीं होते, तब तक इंसानों के बीच सच्ची एकता स्थापित नहीं हो सकती।

हम प्रेम की भाषा सीख जाएं तो अन्य लोगों से एकता का संपर्क स्थापित करेंगे। अगर हम किसी से प्रेम करेंगे तो उनकी देखभाल करेंगे। जब हम एक-दूसरे की मदद करेंगे तो एकता अवश्य हमारे जीवन का हिस्सा बन जाएगी।

उन्होंने कहा कि हमारी संपूर्ण खोज इस बाहरी संसार में है। जब हमारी खोज बाहरी संसार में होगी तो हम कभी स्थाई शांति और एकता का अनुभव नहीं कर पाएंगे। क्योंकि इस संसार की हर चीज नाशवान है। प्रभु या उनका शब्द ही शाश्वत है।

आचार्य ने कहा कि आमतौर पर हम इंसान के रूप में सोचते हैं कि हमारे अकेले की कोशिश से कोई फर्क नहीं पड़ता। आप में से कइयों को याद होगा कि वह बैंजामिन फ्रेंक्लिन था जिसने सबसे पहले अपने घर के आगे गली के खंबे पर लैंप टांगा था। जब उसने ऐसा किया तो सबने कहा था कि वह पागल है। उसे वहां रोशनी करने की क्या जरूरत है? पर वहां रोज रात को लैंप जलाता रहा। कुछ ही दिनों में आस-पड़ोस के सभी लोगों ने गली के खंबों पर लैंप लगाने शुरू कर दिए और हर कोई उस रोशनी में अपना रास्ता देख सकता था।

इसी प्रकार अगर हम अपने अंतर की ज्योति से जुड़ सकते हैं। जब हम अपने अंदर दिव्य ज्योति का अनुभव करते हैं तो उस ज्योति से हमारे आस-पड़ोस, हमारे परिवार और हमारे कार्य-स्थल का अंधकार दूर होता है। ऐसे में जिन लोगों के संपर्क में हम आते हैं वे भी हमारा अनुसरण करने लगते हैं।



Source: Education

You may have missed