दुर्ग में Covid संक्रमण की तेज रफ्तार, केंद्र की टीम पहुंची जायजा लेने, 12 घंटे में 21 लोगों की मौत
भिलाई. दुर्ग जिले में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार को जिले में 21 कोरेाना संक्रमितों की मौत हो गई। वहीं 1786 नए मरीज मिले हैं। जिले में पिछले 24 घंटे में 4342 लोगों की जांच की गई। Durg collector के सख्त lockdown के बाद भी लोग घरों से बाहर निकलना नहीं छोड़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे दुर्ग जिले में 6 अप्रेल से 14 अप्रेल तक टोटल लॉकडाउन लगाया गया है। इधर बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शुक्रवार को केंद्र से पहुंची दो सदस्यों की टीम ने दुर्ग जिले के वैक्सीनेशन सेंटर के साथ-साथ कोविड केयर सेंटर का जायजा लिया। उन्होंने वैक्सीनेशन सेंटर के कर्मियों से कई तरह के तकनीकि सवाल पूछे। इसके बाद कंटेंनमेंट जोन जाकर लोगों से चर्चा की। इसके अलावा भारत सरकार के स्वास्थ्य विभाग से संयुक्त सचिव भी शुक्रवार को दुर्ग पहुंचे।
दो सदस्यों ने जाना किस तरह काम कर रही वैक्सीनेशन टीम
Durg District में केंद्र से पहुंची टीम के सदस्य डॉक्टर अनिल और डॉक्टर एन बंधोपाध्याय ने कोविड केयर सेंटर चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल अस्पताल जाकर यहां आरटीपीसीआर लैब की संभावनाओं को तलाशा। वे जेआरडी, जिला टीकाकरण केंद्र पहुंचे। यहां काम कर रही टीम से वैक्सीन लगाने के दौरान किसी की तबीयत बिगडऩे पर किस तरह के इंतजाम है उसकी जानकारी ली। रिपोर्ट तैयार कर केंद्र सरकार को देंगे। (Corona vaccination in Durg)
बढ़ाए जाएंगे ऑक्सीजन बेड, स्वास्थ्य मंत्री ने दिलाया भरोसा
दुर्ग जिले में कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बचाव व चिकित्सा सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। जिले में 10 हजार बेड की सुविधा बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने शुक्रवार को इस संबंध में विधायक अरुण वोरा को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बेड के साथ जरूरत के अनुसार वेंटिलेटर और ऑक्सीजन बेड भी बढ़ाने कहा गया है। जिले में लगातार बढ़ते कोविड संक्रमितों की संख्या को देखते हुए विधायक अरुण वोरा ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव (TS singh deo) से चर्चा कर कोविड केयर (covid care) सेंटर, आइसोलेशन सेंटर के साथ ही ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर की संख्या में ज्यादा से ज्यादा वृद्धि करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन पॉजिटिव केसेस की संख्या 21 सौ को पार कर चुकी है। जिसे दृष्टिगत रखते हुए जिले में कम से कम 6 हजार बिस्तरों की आवश्यकता है।
आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में देरी की वजह से ज्यादातर मरीजों को ऑक्सीजन की कमी होने तक आइसोलेशन में रहना पड़ रहा है। जिसके बाद आक्सीजन बेड में कमी होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि जनता में भय की जगह सुरक्षा की भावना पनपे इसके लिए पर्याप्त आक्सीजन व आईसीयू बेड की व्यवस्था होनी चाहिए। मंत्री सिंहदेव ने विधायक वोरा को आश्वस्त करते हुए कहा कि जिले में पॉजिटिविटी दर को देखते हुए 10 हजार बिस्तरों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के साथ ही जिन्हें भी बेड की आवश्यकता होगी उसके लिए व्यवस्था करने प्रशासन प्रतिबद्ध है। वोरा ने कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे से भी वर्तमान परिस्थिति के परिपेक्ष्य में चर्चा की और राजधानी रायपुर की तर्ज पर युद्ध स्तर पर तैयारी करते हुए स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता सभी के लिए सुनिश्चित करने को कहा।
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