आपदा को पैसा कमाने का अवसर न बनाएं नर्सिंग होम संचालक : कलेक्टर
गुना. नर्सिंग होम संचालक ध्यान से सुनें, आपदा को पैसा कमाने का अवसर न बनाएं। लगातार मेरे पास शिकायतें पहुंच रही हैं। आगे से यह रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।यह सख्त तेवर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुना नगर के निजी नर्सिंग होम के संचालकों और चिकित्सकों के साथ बैठक के दौरान दिखाए। कोरोना के मरीजों के उपचार और बेहतर प्रबंधन के संबंध में समीक्षा की। उन्होंने नर्सिंग होम संचालकों से कहा कि नर्सिंग होम्स से निरंतर शिकायत मिल रही हैं कि कोविड मरीजों से अधिक पैसा वसूला जा रहा है। इस प्रकार की शिकायतें बर्दाश्त नही की जाएंगी। यदि इस प्रकार की बात सामने आती हैं तो संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के पास पर्याप्त व्यवस्था है। सभी गरीब कोविड मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में किया जा सकता है। उन्होंने नर्सिंग होम संचालकों से कहा कि आप सभी इस बात का विशेष ध्यान रखें। निर्धारित दर से अधिक पैसे न वसूले जाएं। सामान्य समय में प्रत्येक सेवा के लिए जो शुल्क निर्धारित है, उसकी रेट लिस्ट लगाएं और उसी के अनुसार भुगतान प्राप्त करें।
कलेक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन हर तरह की मदद के लिए तैयार है। जिले में जब ऑक्सीजन का पर्याप्त भंडार है, तो नर्सिंग होम में अच्छे से अच्छा उपचार कर लोगों की जान बचायी जा सकती है। गरीब लोग आपदा के समय पूरी जमा पूंजी अपने परिवारजन को बचाने के लिए खर्च करने को तैयार रहता है। ऐसे समय में आप सभी का कर्तव्य है कि कम से कम खर्च में अच्छे से अच्छा इलाज हो। यह सेवा का अवसर बार-बार नही मिलेगा।
नर्सिंग होम के चिकित्सकों ने कहा कि गुना जिले में ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाने में जिला प्रशासन का अच्छा सहयोग रहा है। रेमडेसिविर इंजेक्शन भी नागरिकों को समय पर निर्धारित दर पर ही मिला है। इस इंजेक्शन की उपलब्धता से कई लोगों की स्थिति सुधरी है।
7 वेंटीलेटर वाला आईसीयू स्थापित हो
कलेक्टर द्वारा बेहतर व्यवस्थाओं के लिए मांगे गए सुझाव के संबंध में चिकित्सकों ने सुझाव दिए कि गुना नगर में एक स्थान पर 7 वेंटिलेटर स्थापित कर कुशल टीम के द्वारा उसका संचालन किया जाए। हम सभी इस एकीकृत यूनिट के लिए वेंटिलेटर और उपकरण देने को तैयार है। जैसे ही मरीज की हालत पूरे जिले पर कहीं पर भी एक स्तर के नीचे गिरती है, उस दशा में इस एकीकृत वेंटिलेटर इकाई का उपयोग किया जाए।
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इंदौर तक के लिए ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस का किराया 10 हजार
अपर कलेक्टर विवेक रघुवंशी ने बताया कि एंबुलेंस वाले मनमानी फीस ले रहे हंै। जिस पर कलेक्टर द्वारा सर्वसम्मति से ऑक्सीजन युक्त एंबुलेंस की दरें निर्धारित की। जिसके अनुसार इंदौर तक के लिए ऑक्सीजनयुक्त एंबुलेंस 10 हजार रुपए, भोपाल और ग्वालियर के लिए ऑक्सीजन सहित एंबुलेंस 7 हजार रुपए की अधिकतम दरें निर्धारित की। इन एंबुलेंस को निर्धारित दर से ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जाएगा।
डॉक्टर की सलाह के न हो सीटी स्केन
बैठक के दौरान शहर में धड़ाधड़ हो रहे सीटी स्केन पर चिंता व्यक्त की गयी। यह तय किया गया कि चिकित्सक की सलाह पर ही सीटी स्केन कराया जाए। पहले डिजिटल एक्स-रे कराया जाए। अंतिम विकल्प के रूप में सीटी स्केन जरूरत के मुताबिक किया जाए।
Source: Education