fbpx

सावधान! राजस्थान में नाइजीरियन ठग गिरोह सक्रिय, मिनटों में ही कर देता है खाते खाली

जयपुर. Cyber Crime News in Hindi : राजस्थान में पाकिस्तान ( Pakistan ), रूस, अमरीका, नीदरलैंड्स के साथ नाइजीरियन ठगों के गिरोह खासे सक्रिय हैं। ये सोशल मीडिया (social media ) के जरिए लोगों को फांसकर ठग रहे हैं। हाल ही नाइजीरियन गिरोह के 4 ठगों को गिरफ्तार भी किया गया था।

साइबर विशेषज्ञों के अनुसार विदेशी हैकर्स फेसबुक पर फ्रैंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। उनके अकाउंट डाटा का विश्लेषण कर बात शुरू करते हैं। फेसबुक पर लाइक किए गए पेजों से पता लगाते हैं कि व्यक्ति किस चीज को ज्यादा पसंद करता है। साथ ही चेक इन, टैग आदि के जरिए यूजर के व्यवहार और पसंद का पता लगाते हैं। तकनीकी भाषा में इसे सोशल इंजीनियरिंग कहते हैं। इसके बाद कुछ समय चैटिंग कर यूजर का विश्वास जीतते हैं। फिर गिफ्ट को कस्टम से छुड़वाने, आपात स्थिति या गम्भीर जरूरत होने जैसे बहानों से पैसे ऐंठते हैं। हैकर्स यूजर से अपने पेपल अकाउंट में रुपए ट्रांसफर करवाते हैं, उसके बाद फेसबुक अकाउंट डिलीट कर देते हैं।

गिरफ्त में हैं नाइजीरियन गैंग के 4 ठग

साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फेसबुक पर दोस्ती कर लोगों को फांसने, खातों में लाखों रुपए अकाउंट में डलवाने के बाद रकम को पोस मशीनों से कैश करने वाली नाइजीरियन गैंग को पकड़ा था। गिरफ्तार आरोपी जेम्स, डेविड, माइक रीजे नाइजीरिया और येंगरतुला, नगालैंड की निवासी है। इन्हें हाल ही दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। गैंग ने सीआरपीएफ के जवान से बीस लाख रुपए हड़प लिए थे। इनसे बड़ी संख्या में एटीएम कार्ड, पोस मशीनें, लैपटॉप, डोंगल, सिम कार्ड, फर्जी दस्तावेज बरामद हुए थे। 

सकर्तकता बरतना जरूरी

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ आयुष भारद्वाज के अनुसार अपराधी ऐसे देशों में पैसे डलवाते हैं, जिनसे भारत के राजनीतिक रिश्ते ठीक नहीं हैं। मसलन चीन, पाकिस्तान या दक्षिण कोरिया। ऐसे में इन्हें पकड़ पाना मुश्किल होता है। इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है। फेसबुक पर कुछ सेटिंग्स बदलकर धोखाधड़ी से काफी हद तक बचा जा सकता है।

क्या है पेपल

पेपल के जरिए किसी भी देश में अकाउंट में तत्काल पैसे भेजे जा सकते हैं। इसमें मुद्रा को बदलवाने की आवश्यकता भी नहीं होती क्योंकि ट्रांसफर के समय की रेट के आधार पर पेपल खुद रकम को परिवर्तित कर देता है।

यों करें बचाव

– स्टेप वेरिफिकेशन हमेशा ऑन रखें।
– पोस्ट प्राइवेसी को फ्रैंड्स मोड पर रखें।
– हू केन सेंड मी फ्रैंड रिक्वेस्ट को फ्रैंड्स ऑफ फ्रैंड्स ही रखें।
– फ्रैंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले आइडी की पड़ताल कर लें।
– जहां तक संभव हो, हर जगह साइन इन ना करें।



Source: Education