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कोरोना साइंटिफिक एडवायजरी ग्रुप के चीफ सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ. शाहिद जमील का इस्तीफा

नई दिल्ली। वरिष्ठ वायरोलॉजिस्ट शाहिद जमील ने रविवार को इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के वैज्ञानिक सलाहकार समूह के अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दे दिया। पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित किए गए इस प्लेटफॉर्म का मकसद भारत में COVID-19 के फैले स्ट्रेन की प्रयोगशाला और महामारी विज्ञान के तहत निगरानी करना था।

जमील फिलहा अशोका यूनिवर्सिटी में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक हैं। भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (WGS) के माध्यम से भारत में SARS-CoV-2 के जीनोमिक परिवर्तनों की लगातार निगरानी के लिए दिसंबर 2020 में स्थापित 10 प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क है।

भारत में कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद फिलहाल देश इसके तीन स्ट्रेन यानी प्रकारों से जूझ रहा है। जबकि दुनिया भर में इस वायरस के छह प्रकार चिंता का विषय (VoC or Variants of Concer) बने हुए हैं। भारत में तीन विशेष रूपों, यानी यूके, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट्स कहर बरपाए हुए हैं।



एक भारतीय प्रकार का वंश B.1.617 (जिसे डबल म्यूटेंट भी कहा जाता है और पहली बार महाराष्ट्र में देखा गया) अब कई अन्य राज्यों में फैल गया है।

COVID-19 वायरस म्यूटेट हो रहा है और कई देशों के साथ-साथ भारत में भी इसके कई म्यूटेशन पाए गए हैं, इनमें यूके (17 म्यूटेशन), ब्राजील (17 म्यूटेशन) और दक्षिण अफ्रीका (12 म्यूटेशन) वेरिएंट शामिल हैं। इन वेरिएंट्स में उच्च संचरण क्षमता यानी बेहद तेजी से फैलने की ताकत है। यूके वेरिएंट पूरे यूरोप में व्यापक रूप से पाया गया है और एशिया और अमरीका में फैल चुका है।

डबल म्यूटेशन (2 म्यूटेशन) एक अन्य वेरिएंट है और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, जर्मनी, आयरलैंड, नामीबिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम, यूएसए जैसे कई देशों में पाया गया है।



Source: Education