इंसानों जैसी मिसाल : बाघिन की मौत से अनाथ हुए चार शावकों को पिता बाघ ने लिया साथ
पन्ना. मातृ प्रधान जंगल की दुनिया में पिता बाघ के साथ चार शावकों के अठखेलियां करने का सुकून देने वाला वीडियो सामने आया है। किसी नर वन्य जीव के मां की भूमिका अदा करने का यह अनोखा मामला है। दरअसल, इन चार शावकों की मां बाघिन की बीते 15 मई को मौत हो गई थी। तब से इन चारों शावकों के भविष्य को लेकर चिंता गहराने लगी थी। बाघ के साथ ही अन्य हिंसक जानवरों से उनकी जान का खतरा था। लेकिन उनके लिए ढाल उनका जैविक पिता बन गया है, जो सात दिन से मां की तरह अपने साथ उन्हें लिए वन क्षेत्र में भ्रमण कर रहा है।
चारों शावक अठखेलियां करते दिखे
यह सुखद दृश्य पन्ना नेशनल पार्क में लगाए गए कैमरा टै्रप में कैद हुआ है। जिसमें यह सामने आया कि15 मई को जिस युवा बाघिन पी-213(32) की मौत हो गई थी उसके चार शावकों की देखभाल युवा बाघ पी-243 कर रहा है। किसी बाघ द्वारा शावकों को पालने को वन्य जीव विशेषज्ञ अनोखा मामला बता रहे हैं। हालांकि प्रबंधन द्वारा दावा किया जाता रहा है कि पी-243 ही शावकों का पिता है और वह शावकों के जन्म के पहले से ही बाघिन पी-213(32) की टेरिटरी गहरीघाट रेंज में रहता था। पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने पहले ही दावा किया था कि बाघिन के बाद शावकों की देखभाल बाघ कर रहा है। प्रबंधन ने शुक्रवार को एक मिनट 12 सेंकड का एक वीडियो जारी किया जिसमें चारों शावक व सेटेलाइट कॉलर आइडी से लैस युवा बाघ पी-243 नजर आ रहे हैं। वीडियो में चारों शावक बेफिक्र नजर आते हुए अठखेलियां कर रहे हैं। तीन शावक एक चट्टान में साथ में खेल रहे हैं और चौथा नीचे दिखाई दे रहा था। वहीं मौजूद बाघ आसपास नजर रख रहा है।
शिकार और सुरक्षा की जिमेदारी, 4 माह क्रिटिकल
पन्ना टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि बाघ पी-243 शावकों के लिए शिकार कर रहा है। यानि शावक अब भूख से नहीं मर सकते। इसके अलावा पी-243 से उन्हें अन्य बाघों के खतरें से सुरक्षा भी मिल गई है। फील्ड डायरेक्टर शर्मा बताते हैं कि यह बाघ चार माह तक शावकों के साथ रहा तो आगे उनकी सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं रहेगा। 12 माह में चारों शावक एक साथ मिलकर शिकार सहित खुद की सुरक्षा करने लायक बड़े हो जाएंगे।
मां की मौत के तीसरे दिन मिले थे शावक
टाइगर रिजर्व में 15 मई मृत पाई गई युवा बाघिन पी-213(32) के चार शावक अपनी मां की टेरिटरी से लापता हो गए थे। बाघिन की टेरिटरी कोर जोन के गहरीघाट रेंज थी और शावकों के साथ होने पर वह कोनी बीट पर ही ज्यादा वक्त गुजारती थी। बाघिन की मौत के 50 घंटे तक चार में से किसी भी शावक की लोकेशन नहीं मिलने से टाइगर रिजर्व प्रबंधन के हाथ-पैर फूलने लगे थे। 17 मई को फील्ड डायरेक्टर शर्मा खुद पचास लोगों की टीम को लीड कर रहे थे। शावकों को 50 घंटे बाद सुरक्षित देखकर टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली थी।
सेटेलाइट कॉलर से लैस है पी-243
पन्ना टाइगर प्रबंधन को अब शावकों के निगरानी की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। हाल ही में प्रबंधन ने युवा बाघ पी-243 को बेहोश कर आध्ुानिक सेटेलाइट कॉलर आइडी पहनाया था। अब जब यह पुष्ट हो गया है कि चारों शावक बाघ के साथ ही हैं तो उनकी निगरानी आसान हो जाएगी। प्रबंधन जल्द ही चार में से किसी एक शावक को कॉलर आइडी लगाएगा।
Source: Education