Kamal Nath: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से घबरा गई प्रदेश में भाजपा, दो विधायकों ने क्यों कहा ऐसा, पढ़ें यह खबर
छिंदवाड़ा. भोपाल में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के ऊपर भारतीय जनता पार्टी द्वारा उनके बयानों के आधार पर दर्ज कराई गई एफआइआर का जुन्नारदेव विधायक सुनील उइके तथा परासिया विधायक सोहन बाल्मिक ने जोरदार विरोध किया है। दोनों विधायकों ने संयुक्त रूप से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारतीय जनता पार्टी राजनीति में दोहरा चरित्र अपना रही है, एक ओर तो भारतीय जनता पार्टी की केंद्र और राज्य सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में जनता को तड़पता और मरता हुआ छोड़ दिया। कोरोना आने के एक साल बाद भी ऑक्सीजन बैड, आइसोलेशन बैड और वेंटीलेटर आदि के इंतजाम नहीं किए गए, इंजेक्शन के लिए लोग मारे मारे फिर रहे थे। सैकड़ों लोगों ने अपने परिजनों को इस आपदा में खो दिया और करोना आने के एक साल बाद भी केंद्र और राज्य सरकार के दोनों बड़े नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी राजनीति चमकाने में और चुनावों में ही लगे रहे। देश और प्रदेश की जनता को मरता हुआ छोड़ दिया और अब जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जनता के सामने सच्चाई लेकर आ रहे हैं, सरकार को आईना दिखा रहे हैं , केंद्र और राज्य सरकार की गलतियों के कारण लाखों की तादात में जो मृत्यु हुई है उसे जनता के सामने लेकर आ रहे हैं तो भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश सरकार के गले यह बात नहीं उतर रही है।
विधायक सुनील उइके और सोहन बाल्मिक ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आड़े हाथों लेते हुए कहा की शिवराज सिंह चौहान कमल नाथ जैसे व्यक्तित्व के ऊपर एफआइ आर दर्ज करा कर क्या बताना चाहते हैं। वे यह क्यों नहीं बताते कि जब प्रदेश के लिए ऑक्सीजन के टैंकर की व्यवस्था नहीं कर पा रहे थे तो वे ही कमलनाथ के पास जाकर निवेदन कर रहे थे कि प्रदेश के लिए ऑक्सीजन टैंकरों की व्यवस्था कराई जाए, और कमलनाथ ने बिना किसी राजनीतिक भेदभाव के शिवराज सिंह के आग्रह पर तत्काल अपने संबंधों के आधार पर ऑक्सीजन टैंकर एवं इंजेक्शनों की भी व्यवस्था कराई। छिंदवाड़ा जिले का एक-एक नागरिक जानता है की कोरोना से बचाव के लिए राज्य सरकार ने क्या तैयारी की थी और कमलनाथ ने मुख्यमंत्री ना रहते हुए भी छिंदवाड़ा के लोगों के लिए क्या मदद की है, शिवराज सिंह चौहान के गले यही बात नहीं उतर पा रही है कि वह मुख्यमंत्री रहते हुए भी जो चीज नहीं कर पा रहे हैं कमलनाथ बिना मुख्यमंत्री रहे कैसे यह सारे काम कर ले रहे हैं। पिछले दिनों कमलनाथ द्वारा अपने सभी विधायकों को दो-दो एंबुलेंस अपने क्षेत्र में देने के लिए कहा गया । इस तरह प्रदेश को 190 नई एंबुलेंस कमलनाथ के आह्वान पर मिलनी हैं, किंतु शिवराज के गले यह बात भी नहीं उतर रही है की कैसे एक व्यक्ति बिना मुख्यमंत्री रहे प्रदेश को 190 एंबुलेंस दे सकता है। यह सारी चीजें जनता के बीच ना जाएं, प्रदेश सरकार की नाकामी छुपी रहे इसीलिए शिवराज सिंह ने मुख्य मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए कमलनाथ के ऊपर एफआइआर कराने जैसा कृत्य किया है लेकिन शिवराज सिंह चौहान यह बात नहीं जानते कि कांग्रेस और कमल नाथ किसी भी प्रकार के एफआइआर और मुकदमों से डरने वाले नहीं हैं।
सरकार छिपा रही मौत के आंकड़े
छिंदवाड़ा जिले की बात करें तो सरकारी आंकड़ों में केवल 115 मौतें बताई जा रही है, लेकिन एक-एक व्यक्ति जानता है कि छिंदवाड़ा में कोरोना से कितनी मौतें हुई है। सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए आंकड़ों में हेरफेर कर रही है। विधायकों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान में हिम्मत है तो वह प्रदेश को सही आंकड़े बताएं की कितनी मौतें कोरोना के कारण हुई है व प्रदेश की जनता को यह भी बताएं कि उनके द्वारा कितने रेमेडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था प्रदेश की जनता के लिए की गई थी और अभी जो ब्लैक फंग्स बीमारी चल रही है उसके मरीजों के लिए कितनी व्यवस्था शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने की है। यह अत्यंत शर्मनाक है कि प्रदेश में एक हजार से ज्यादा ब्लैक फंग्स के मरीज मिल चुके हैं लेकिन शिवराज सिंह चौहान की सरकार के पास 100 मरीजों के लिए भी इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं है।
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