एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भारत का दबदबा, 12 पदक पक्के किए
भारत की तीन महिलाओं सहित चार मुक्केबाजों ने प्रभावशाली जीत के साथ एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश किया जिससे इस प्रतियोगिता में भारत के कम से कम 12 पदक पक्के हो गए। संजीत (91 किग्रा), साक्षी (54 किग्रा), जैस्मीन (57 किग्रा) और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुकी सिमरनजीत कौर (60 किग्रा) ने मंगलवार को देर रात अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में जीत दर्ज करके अंतिम चार में पहुंचकर पदक पक्के किये। इससे पहले शिव थापा (64 किग्रा) ने सेमीफाइनल में जगह बनायी थी। भारत के सात पदक ड्रा के दिन ही सुनिश्चित हो गये थे। इनमें छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरीकॉम (51 किग्रा) भी शामिल है।
संजीत सेमीफाइनल में
इंडिया ओपन के स्वर्ण पदक विजेता संजीत ने ताजिकिस्तान के जासुर कुरबोनोव को 5—0 से हराकर थापा के साथ पुरुष वर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश किया। उनका अगला मुकाबला उज्बेकिस्तान के संजार तुरसुनोव से होगा जिन्हें तीसरी वरीयता हासिल है।महिलाओं के वर्ग में साक्षी ने ताजिकिस्तान की रुहाफ्जो हकजारोवा को 5—0 से हराया और अब उनका सामना कजाखस्तान की दिना जोलामन से होगा।
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जैस्मीन ने मंगोलिया की बॉक्सर का हराया
जैस्मीन ने मंगोलिया की ओएंटसेटसेग येसुगेन को 4—1 से हराकर अंतिम चार में जगह बनायी जहां उन्हें कजाखस्तान की व्लादिस्लावा कुकता का सामना करना है। हाल में कोविड—19 से उबरने वाली सिमरनजीत ने उज्बेकिस्तान की रेखोना कोदिरोवा को 4—1 से पराजित किया। उनका अगला मुकबला कजाखस्तान की रिमा वोलोसेंको से होगा। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके पुरुष मुक्केबाज अमित पंघल (52 किग्रा), विकास कृष्ण (69 किग्रा) और आशीष कुमार (75 किग्रा) बुधवार को अपने अभियान की शुरुआत करेंगे।
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शिवा भी पहुंचे सेमीफाइनल में
27 वर्षीय शिवा ने लाइटवेट में दूसरा पदक पक्का किया है। इससे पहले 2019 में शिवा ने बैंकॉक में कांस्य पदक जीता था। शिवा ने 2015 में बैंकॉक में ही कांस्य पदक जीता था लेकिन वह पदक बैंटमवेट कटेगरी में आया था। इससे पहले, शिवा ने 2017 में बैंटमवेट में ही ताशकंद में रजत पदक जीता था। इसी वर्ग में शिवा 2013 में अम्मान में स्वर्ण भी जीत चुके हैं। शिवा के नाम 2015 विश्व चैम्पियनशिप का कांस्य पदक भी है। देखना दिलचस्प होगा कि शिवा लाइटवेट में अपने पदक का रंग बदल पाते हैं या नहीं। सेमीफाइनल में अगर वह जीत जाते हैं तो वह निश्चित तौर पर ऐसा करने में सफल होंगे लेकिन इसके लिए शिवा को टॉप सीड ताजिकिस्तान के बखोदुर उस्मानोव को हराना होगा।
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