पटवारियों की हड़ताल से किसान, आमजन व विद्यार्थी परेशान
बाड़मेर. पटवारियों की हड़ताल ने किसानों के काम रोक दिए हैं। जमीन रहन रख ऋण लेना चाह रहे हैं लेकिन रहननामा नहीं बन रहा।
केसीसी का काम अटका हुआ है तो सोसायटी ऋण का लाभ नहीं मिल रहा। मनरेगा में आवास, टांका स्वीकृत हो रहे लेकिन मिल नहीं रहे, क्योंकि पटवारी हड़ताल पर है। विद्यार्थियों के कोइ भी प्रमाण पत्र नहीं बन रहे। आमजन की भी परेशानी खत्म नहीं हो रही। यह स्थिति १५ जनवरी से है लेकिन न तो हड़ताल खत्म हो रही ना ही आमजन के काम हो रहे। गांवों में आमजन के अधिकांश सरकारी कामकाज पटवारी के पास ही होते हैं।
मनरेगा में पक्के निर्माण हो या फिर फसल बुवाई से पहले खरीफ ऋण, केसीसी ऋण हो या फिर जमीन गिरवी रखकर कोई भी लोन लेना हो हरेक में पटवारी की जरूरत पड़ती है। वहीं, विद्यार्थियों को जाति, मूल प्रमाण पत्र बनाने के लिए भी पटवारी के पास जाना होता है। आमजन को भी छोटे-मोटे कामों में पटवारी के हस्ताक्षर की जरूरत रहती है, लेकिन जिले में १९० पटवार मंडल में यह कार्य १५ जनवरी से अटके हुए हैं। एेसे में लोग पुराने पटवारियों के पास चक्कर काट रहे हैं तो तहसील की चौखट पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां से हड़ताल खत्म होने पर काम होने की बात कही जा रही है। यह आ रही समस्या- किसानों को भूमि संबंधी रिकॉर्ड व फसल बीमा सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा है। सहकारी व अन्य बैंकों से ऋण नहीं मिल रहा है।
किसानों के केसीसी , नामांतरणकरण, कृषि कनेक्शन, भूमि की पैमाइश, रजिस्ट्री, भू रूपांतरण आदि कार्य पटवारी हड़ताल के कारण अटके हुए हैं।
विद्यार्थियों के जाति प्रमाणपत्र नही बन पा रहे हैं, विशेषकर ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जो रिन्यू करवाने पड़ते हैं, वे बनाने में दिक्कत आ रही है।
ये है पटवारियों की मांग- पटवारियों की प्रमुख मांगों में ३६०० का ग्रेड, ९-१८-२७ पे गे्रड का लाभ, नो वर्क, नो पेमेंट के आदेश का वापिस लेने, पटवार संघ के साथ सरकार के हुए समझौते को लागू करने व पटवारियों के रिक्त पदों को भरना है। मांगे पूरी नहीं होने पर पटवारियों ने प्रदेश व्यापी बस्ते लौटाने का निर्णय किया जिसके तहत जिले में १९० पटवार मंडलों का राजस्व रिकॉर्ड तहसीलों में जमा करवाया गया है।
आमजन को हो रही परेशानी– आमजन को पटवारियों की हड़ताल के चलते परेशानी हो रही है। विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र के लिए भटकना पड़ रहा है तो किसानों के ऋण सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा। सरकार जल्द ही फैसला ले या फिर वैकल्पिक व्यवस्था करे।- भोमसिंह राठौड़, बलाई
आमजन को परेशानी -पटवारियों की हड़ताल से आमजन को परेशानी झेलनी पड़ रही है। किसान, विद्यार्थी वर्ग लम्बे समय से परेशान है, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही। समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूरन सडक़ों पर उतरना पड़ेगा।- रणवीरसिंह भादू, जिलाध्यक्ष भाजपा किसान मोर्चा बाड़मेर
सरकार करें मांगे पूरी- पटवार संघ का सरकार से लिखित समझौता हो रखा है। सरकार उस पर अमल नहीं कर रही। ३६०० का ग्रेड सहित विभिन्न वाजिब मांगों को सरकार पूरा करे। आमजन को हो रही परेशानी को सरकार को समझना होगा।- जोगाराम जाखड़, जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष पटवार संघ बाड़मेर
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