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चार घंटे बाद हड़ताल खत्म

मेड़ता सिटी. लम्बे समय से अन्य समाजों के अभ्यार्थी मूलपद सफाई का कार्य नहीं करके दूसरे कार्यालयों में कार्यरत रहने के विरोध में वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मियों ने रोष व्यक्त करते नगरपालिका के सामने हड़ताल पर बैठ गए। पालिकाध्यक्ष की समझाइश पर चार घंटे बाद सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल तोड़ी। नगरपालिका में वर्ष 2017-18 के दौरान सफाई कर्मचारियों की भर्ती हुई थी। जिसमें वाल्मीकि समाज के अलावा अन्य समाजों के भी अभ्यार्थियों का चयन हुआ था।
नगरपालिका के सफाईकर्मी तहसील, एसडीएम, विद्युत विभाग कार्यालय में लगे हुए है। वह सफाई कर्मचारी है जिन्होंने 2017-18 की भर्ती में आवेदन किए थे। जिसमें वाल्मीकि समाज के अतिरिक्त 19 अभ्यार्थियों की बेतौर सफाई कर्मचारियों के रूप में नियुक्ति हुई। यह कर्मचारी अपने मूलपद का सफाई कार्य नहीं करके अपनी पहुंच के चलते अलग-अलग कार्यालयों में काम करने लगे गए। केवल विद्युत विभाग में लगे कर्मचारी पहले ही नगरपालिका में कार्य के लिए आ गए है। इसको लेकर के वाल्मिकी समाज के सफाई कर्मचारियों में सोमवार को गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने पालिका में कार्यरत्त सभी सफाई कर्मचारियों को उनके मूलपद का कार्य करवाने की मांग को लेकर पालिका कार्यालय के सामने टेंट लगाकर हड़ताल पर बैठ गए। उन्होंने पालिका में सफाई कर्मचारी अशोक, प्रकाश, महेन्द्र, कैलाश गुर्जर, नबीश, मूलाराम, हस्तीमल, श्रवणराम, अमित, दिनेश, पीराराम, पूनमचंद, करपाराम, सुमेरचंद, सतुराम, रमेश, रेखा, भीखाराम को वापस बुलाने की मांग की। सफाई कार्मिकों की हड़ताल के चलते शहर में पहली पारी का सफाई कार्य प्रभावित हुआ। पालिकाध्यक्ष रुस्तम प्रिंस तथा ईओ जितेन्द्र भाटी, उपाध्यक्ष रामसुख मुंशी, दशरथ सारस्वत सहित पार्षदों ने हड़ताली सफाई कार्मिकों के पास पहुंचे। मूलपद के सभी कर्मचारियों को 7 दिनों मेंं सफाई कार्यो में लगाने का आश्वास दिया। जिस पर चार घंटे बाद सफाई कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल तोड़ी दी।

इनका कहना

मूलपद के कर्मचारी जो अलग-अलग कार्यालयों में थे, उन्हे वापस बुला लिया है। एसडीएम ऑफिस के दो कर्मचारी शेष रहे है। मूलपद के कर्मचारियों को सात दिनों में बुलाकर उनकी ड्यूटी सफाई कार्यो में लगाई जाएगी।
-जितेन्द्र भाटी, नगरपालिका ईओ, मेड़ता सिटी



Source: Education

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