पाकिस्तान में खाद्य सुरक्षा पर बोले इमरान खान, भोजन न मिलने से बच्चों की सेहत पर पड़ रहा असर
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान (Imran Khan) ने गुरुवार को खाद्य सुरक्षा (Food Security) को देश की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बताया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में अपनी आबादी को भोजन की कमी से बचाने के लिए अभी से कदम उठाने चाहिए।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस्लामाबाद में किसानों के एक अधिवेशन को संबोधित कर इमरान खान ने कहा कि पाक ने बीते वर्ष 40 लाख टन गेहूं आयात करा था। इस कारण देश के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में एक ही झटके में लाखों डॉलर की कमी देखी गई थी।
Read More: अमरीकी थिंक टैंक के सर्वे में खुलासा, 95 प्रतिशत मुस्लिमों ने कहा-उन्हें भारतीय होने पर है गर्व
खान का कहना है कि पाकिस्तान की नई और बड़ी चुनौती फूड सिक्योरिटी है। इस मुद्दे को लेकर तैयारी की जा रही है। पाकिस्तान को इस चुनौती से निपटना होगा कि बढ़ती जनसंख्या को लेकर अगले 5-15 वर्ष में खेती को कैसे बढ़ाया जाए।
पाकिस्तानी पीएम ने इस बात पर गौर किया कि सही पोषण को लेकर देश के 40 फीसदी बच्चे अपनी पूरी लंबाई तक नहीं पहुंच पाए और उनका दिमाग भी पूरी तरह से विकसित नहीं हो सका।
बच्चों को नहीं मिल रहा पोषण युक्त आहार
इमरान के अनुसार खाद्य सुरक्षा असल में राष्ट्रीय सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस बारे में आदेश भी जारी किया है, जिसके अंतर्गत एहसास कार्यक्रम में पहली बार पोषण से जुड़ा कामकाज लाया जाएगा।
Read More: कहीं कोरोना की तरह डेल्टा वेरिएंट को भी तो हल्के में नहीं ले रहा WHO?
इमरान खान ने शुद्ध दूध की उपलब्धता पर कहा कि बच्चों के विकास में यह मुद्दा भी बेहद जरूरी है। खान के अनुसार बच्चों की ग्रोथ के लिए उन्हें अच्छी चीजें शुद्ध रूप में नहीं मिल रही हैं। इमरान ने इसके लिए पाकिस्तान के ‘एलीट कैप्चर’ को भी जिम्मेदार ठहराया। एलीट कैप्चर यानी कि सुविधाओं और संसाधनों पर पैसे वालों का जोर। इमरान ने कहा कि देश कुछ लोगों के लिए नहीं बना था। कोई भी इसे बदलने के लिए तैयार नहीं है।
Source: Education