Sunday Special: घर बैठे ऐसे सुधारें अपना कमजोर सूर्य, तरक्की मिलने के साथ ही बनने लगेंगे अटके कार्य
Astro Upay: हमारे जीवन से ग्रहों का सीधा जुड़ाव माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक हमारे जीवन में उतार-चढ़ाव का मुख्य कारण ग्रहों के स्थान परिवर्तन और ग्रहों की चाल ही होती है। इन ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण होता है सूर्य, जिसे सभी नौ ग्रहों का राजा भी माना जाता है। एक ओर जहां इसे कुंडली में पिता का रूप माना जाता है, वहीं यहीं समाज में हमारे यश, सम्मान व तरक्की का कारक भी माना गया है। इसके अलावा सनातन संस्कृति के आदि पंच देवों में भी सूर्य देव शामिल हैं।
हिन्दू पंचांग में रविवार का दिन सूर्य ग्रह को समर्पित माना गया है। सूर्य का रंग केसरिया व रत्न माणिक्य माना जाता है। ज्योतिष में जहां सूर्य सिंह राशि का स्वामी है तो वहीं मेष राशि में यह उच्च होता है, जबकि तुला इसकी नीच राशि है। सूर्य को कुंडली में सम्मान व उन्नति का कारक माना गया है। वहीं सूर्य बुध से योग कर बुधादित्य योग का निर्माण करता है।
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार कुंडली में सूर्य का कमजोर होना अच्छा नहीं माना जाता। सूर्य के कमजोर होने से जीवन में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जानकारों के अनुसार जीवन में तरक्की पाने के लिए सूर्य का कुंडली में बलवान होना अति आवश्यक है।
सूर्य के दुष्प्रभाव : ये हैं कारण
1. घर की पूर्व दिशा दूषित होना।
2. भगवान विष्णु का अपमान।
3. पिता का सम्मान न करना।
4. देर से सोकर उठना।
5. रात्रि के कर्मकांड करना।
6. राज आज्ञा-न्याय का उल्लंघन करना।
7. शुक्र, राहु और शनि के साथ मिलने से मंदा फल।
सूर्य का वैदिक मंत्र…
ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च।
हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।
सूर्य का तांत्रिक मंत्र…
ॐ घृणि सूर्याय नमः।।
सूर्य का बीज मंत्र…
ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।।
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ज्योतिष के जानकार व पंडित एसके पांडे के अनुसार सूर्य ग्रह को मजबूत करने के उपाय आपके घर में भी उपलब्ध है। लेकिन जानकारी के अभाव में हम इनका प्रयोग नहीं कर पाते। उनके अनुसार दरअसल ज्योतिष में सूर्य ग्रह का संबंध पिता से बताया गया है। ऐसे में सूर्य पिता से आपके संबंधों को लेकर भी प्रभावित होता है।
ऐसे में माना जाता है कि यदि कोई व्यक्ति अपने पिता का सम्मान नहीं करता, उनके साथ तकरार करता है और उनसे अपने रिश्ते खराब कर लेता है, तो सीधे अपने सूर्य को कमजोर करता है। ध्यान रहे कि पिता कैसे भी स्वभाव के हों, लेकिन आप अगर उन्हें सम्मान नहीं देते, खुद को उनसे दूर कर लेते हैं या अपमानित करता हैं तो आप अपना सूर्य खराब कर लेते हैं।
ज्योतिष के अनुसार अपना सूर्य खराब कर लेने वाले ऐसे जातक कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। ऐसे जातक हर वक्त तनाव में रहने के साथ ही तरक्की को तरसते रहते हैं, साथ ही इन्हें आर्थिक परेशानियों का भी शिकार होना पड़ता है।
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कई बार ऐसे समस्या आने पर लोग ज्योतिष के जानकारों के पास जाकर उनसे सूर्य को खुश करने के कई उपाय भी पूछते हैं। ऐसे में जहां कोई सूर्य को प्रसन्न करने के लिए उन्हें जल चढ़ाता है, तो कोई तांबे के बरतन में पानी पीता है तो कोई तांबे के कड़े पहनता है। लेकिन जानकारों के अनुसार ये सभी तरह के उपाय तब तक असर करते जब तक उनके रिश्ते अपने पिता से मधुर नहीं होते या जब तक वह अपने पिता का आदर नहीं करते।
सूर्य के बुरे प्रभाव को ऐसे पहचानें…
1. बार बार बिना गलती के भी अपमान होना।
2. गुरु, देवता और पिता का साथ छोड़ देना।
3. राज्य की ओर से दंड मिलना।
4. नौकरी चली जाना।
5. सोना खो जाना या चोरी हो जाना।
6. यदि घर पर या घर के आस-पास लाल गाय या भूरी भैंस है, तो वह खो जाती है या मर जाती है।
7. यदि सूर्य और शनि एक ही भाव में हो तो घर की स्त्री को कष्ट होता है।
8. यदि सूर्य और मंगल साथ हो और चन्द्र और केतु भी साथ हो तो पुत्र, मामा और पिता को कष्ट।
Source: Dharma & Karma