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नाबालिग ने 21 साल उम्र बताकर पासपोर्ट के लिए किया आवेदन

भोपाल. झारखंड की रहने वाली एक आदिवासी लड़की के पासपोर्ट आवेदन की जांच में उसकी उम्र को लेकर आशंका होने के बाद अधिकारियों ने युवती को बुलाया तो मामला और उलझ गया। पहली नजर में कम उम्र छुपाकर पासपोर्ट बनवाने के मामले के तार मानव तस्करी तक से जुड़े होने की आशंका पैदा हो गई है। पासपोर्ट कार्यालय ने उलझे मामले की जांच चाइल्ड लाइन को सौंपी है।

एक आदिवासी युवती ने पिछले वर्ष इंदौर पीएसके में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। आवेदन के साथ युवती का आधार कार्ड, पेन कार्ड जैसे दस्तावेज थे। लेकिन असिस्टेंट पासपोर्ट आफिसर को फोटो देखकर शक हुआ कि आवेदिका 21 वर्ष की नहीं है। इसके बाद मामला भोपाल में क्षेत्रीय पासपोर्ट आफिसर रश्मि बघेल के पास पहुंचा। संवेदनशील मामले में उन्होंने युवती को परिजनों के साथ बुलाया, लेकिन काफी दिनों तक कोई जवाब नहीं आया। आखिरकार सोमवार को युवती अकेले पहुंची और खुद को 21 वर्ष का बताते हुए पासपोर्ट की मांग दोहराई। लेकिन युवती यह नहीं बता सकी कि उसे पासपोर्ट क्यों चाहिए, वह कहां और क्या कर रही है। इसके बाद पासपोर्ट कार्यालय ने युवती को चाइल्ड लाइन को सौंप दिया। चाइल्डलाइन की प्रारंभिक जांच में वह नाबालिग पाई गई है।

हो सकता है मानव तस्करी का मामला
युवती का आवेदन इंदौर से हुआ है। उसके न केवल दस्तावेज उसे 21 वर्ष का बता रहे हैं बल्कि उसका पुलिस वेरीफिकेशन भी हो गया था। लेकिन पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारियों की सर्तकता से जो मामला सामने आया है, वह बड़े रैकेट की ओर संकेत कर रहा है। जानकारों के अनुसार युवती पहली ही नजर में नाबालिग दिख रही है, वह किस देश और क्यों जाना चाहती थी, यह तक नहीं बता पा रही है। ऐसे में यह मानव तस्करी का मामला हो सकता है। जिसकी बारीकी से जांच में कई बातें सामने आ सकती हैं।

मेडिकल से पता चलेगी उम्र
पासपोर्ट कार्यालय का कहना है 21 वर्ष की बताई जा रही युवती प्रथम दृष्टतया नाबालिक लग रही है। किशोरी को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया है। समिति ने उसकी उम्र की जांच के लिए मेडिकल कराने के निर्देश दिए हैं।साथ ही झारखंड में उसके परिजनों से सम्पर्क किया जा रहा है, जिसके बाद जांच आगे बढ़ेगी। यह अपनी तरह का पहला मामला है।

प्रथमदृष्टतया प्रकरण में युवती की आयु स्पष्ट नहीं हो रही थी। आवेदक को अपने अभिभावकों के साथ आने को कहा था, लेकिन वह नहीं आई। इस प्रकरण को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया है ताकि स्थिति स्पष्ट हो चुके।
रश्मि बघेल, रीजनल पासपोर्ट आफिसर



Source: Education