महिलाओं ने बनाया घेरा, एक—दूसरे को जकड़ा पर जबर्दस्ती उठा ले गई पुलिस
खरगोन। एबी रोड पर सेंचुरी मिल के बाहर आंदोलन कर रहे श्रमिकों को पुलिस और प्रशासन की ज्यादती सहनी पडी। आंदोलनकारियों को जबर्दस्ती उठाकर वाहनों में भरकर यहां से ले जाया गया। गिरफ्तार किए गए लोगों में अनेक महिलाएं शामिल हैं। इन सभी को पुलिस वाहन में भरकर कसरावद भेजा गया है। हालांकि मिल के बाहर मेधा पाटकर और कुछ महिलाएं अब भी धरने पर बैठी है।
मेधा पाटकर का मजदूरों के साथ डालमिया के निवास के सामने धरना
मेधा पाटकर और अन्य महिलाओं का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे श्रमिकों पर अत्याचार कर रहा है। पिछले करीब 4 सालों से श्रमिक सेंचुरी मिल के बाहर अपने अधिकारों की मांग को लेकर धरना देकर बैठे थे। प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देकर मंगलवार को श्रमिकों को जबर्दस्ती धरना स्थल से हटाकर जेल भेज दिया।
यहां आदिवासियों के साथ हुआ छलावा, अधिकार से रखा वंचित
पुलिसकर्मियों को आता देख धरने पर बैठी महिलाओं ने मजबूत घेरा बना लिया और एक—दूसरे को जकड़ लिया पर महिला पुलिसकर्मियों ने बड़ी ही बेरहमी से महिला श्रमिकों को धरना स्थल से उठा लिया। यह पूरा घटनाक्रम सुबह करीब 11:00 बजे से प्रारंभ हुआ और पुलिस कार्रवाई अभी तक जारी है। इस दौरान पुलिस द्वारा एबी रोड को एक साइड से बंद करा दिया गया है।
अब फैक्ट्री वर्करों के समर्थन में उतरी मेधा पाटकर, बिरला समूह की कंपनी बेचने का विरोध
धरना स्थल पर एडिशनल एसपी जितेन पवार और कसरावद एसडीएम संघप्रिय संगरिया सहित अनेक वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद हैं. यहां सैंकडों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। गौरतलब है कि मुंबई आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर मगरखेड़ी में सेंचुरी मिल स्थित है। यहां काम कर रहे मजदूरों को हटा दिया गया था।
रोजगार की मांग के लिए वे पिछले चार सालों से लड़ रहे हैं। मजदूरों का कहना है कि मामला हाई कोर्ट में चल रहा है। इसके बाद भी कंपनी द्वारा जबरिया स्वैच्छिक वीआरएस देकर श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
Source: Lifestyle