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सिर्फ 600 के जुर्माने का विवाद मौत की वजह बना

भोपाल. एमपी नगर नो पार्र्किंग एरिया में बाइक पार्क करने और फिर 600 रुपए के जुर्माने से शुरू हुआ विवाद ट्रैफिक सब इंस्पेक्टर श्रीराम दुबे की मौत की वजह बन गया। दुबे ने सात अगस्त को कोलार निवासी नापतौल विभाग के इंस्पेक्टर सरनाम मीणा के बेटे हर्ष मीणा की बाइक को क्रेन से उठवा लिया था।

नाराज आरोपी ने दुबे पर चाकू से हमला कर दिया था। चाकू पेट में लगने के बाद पुलिस विभाग ने इसे कम गंभीर मानकर जेपी अस्पताल में दुबे का इलाज करवाया था। नौ अगस्त को तबीयत बिगडऩे के बाद दुबे को लेकर उनके परिजन एक निजी अस्पताल पहुंचे जहां ऑपरेशन की जरूरत बताई गई। 10 अगस्त को दुबे के पेट और आंत में फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए ऑपरेशन किया गया। मधुमेह की वजह से दुबे की हालत सुधरने की बजाए बिगड़ती जा रही थी जिसके बाद परिजन उन्हें 19 अगस्त को गंभीर हालत में एक अन्य अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का प्रयास किया लेकिन 20 अगस्त सुबह उन्होंने दम तोड़ दिया। दुबे की मौत की खबर के बाद पुलिस विभाग में मायूसी छा गई। जानलेवा हमले के आरोपी पहले से गिरफ्तार युवक पर हत्या का मुकदमा बनाया गया है।

ऐसे शुरू हुआ था विवाद

श्रीराम दुबे ट्रैफिक थाना में एसआई थे। सात अगस्त को दोपहर करीब एक बजे कोलार इलाके में रहने वाले इंजीनियर हर्ष मीणा (27) की ज्योति टॉकीज के पास नो-पार्किंग में बाइक खड़ी थी। ट्रैफिक पुलिस की क्रेन इसे उठाकर क्राइम ब्रांच थाना परिसर ले आई थी। दुबे ने उसका 600 रुपए चालान काट दिया था। चालान कटवाने के बाद हर्ष ने क्राइम ब्रांच थाने के गेट के पास उन पर चाकू से हमला कर दिया था। एमपी नगर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या के प्रयास समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया था।

पत्नी-तीन बच्चों को पीछे छोड़ गए दुबे: श्रीराम दुबे के परिवार में तीन बच्चे हैं। उनका बड़ा बेटा सत्यम हाल ही में तकनीकी शिक्षा पूरी कर चुका है और बीएचइएल में इंटर्नशिप कर रहा है। दूसरे नंबर की बेटी एवं तीसरे नंबर का बेटा अभी पढ़ाई कर रहे हैं। मूलत: नरसिंहपुर राजमार्ग क्षेत्र के रहने वाले दुबे का व्यवहार याद कर उनके साथियों की आंखें नम हो गईं। शुक्रवार को नेहरू नगर पुलिस लाइन स्थित उनके सरकारी निवास से अंतिम यात्रा में वरिष्ठ अफसर एवं साथी कर्मी शामिल हुए।



Source: Education