51 हजार की पोशाक और मुकुट धारण करेंगे भगवान लक्ष्मीनारायण
भोपाल . श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व सोमवार को मनाया जाएगा। शहर के मंदिरों में जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो गई है। भगवान के लिए नवीन वस्त्र, आभूषण आदि तैयार किए जा रहे हैं। शहर के बिड़ला मंदिर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर भगवान लक्ष्मीनारायण को 51 हजार रुपए की पोशाक और मोर मुकुट धारण कराया जाएगा, इसके लिए विशेष पोशाक और आभूषण मथुरा वृंदावन से मंगाए गए हैं।
इसी प्रकार शहर के लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में भी भगवान के लिए नवीन वस्त्र और आभूषण तैयार किए जा रहे हैं। जन्माष्टमी के मौके पर शहर के मंदिरों में शाम से मध्यरात्रि तक विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। घरों में भी जन्मोत्सव की तैयारियां जा रही है। रात्रि 12 बजे जन्म आरती होगी, इसके बाद पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा।
इस्कॉन में राधा कृष्ण पहनेंगे फ्लावर ड्रेस
श्रीकृष्ण मंदिर (इस्कॉन-भेल), बरखेड़ा श्रीकृष्ण मंदिर-यादव सभा और इस्कॉन इस बार संयुुक्त रूप से जन्माष्टमी का पर्व मनाएंगे। इस्कॉन भेल के प्रमुख रसानंद दास ने बताया कि बिना मास्क मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 30 अगस्त को जन्माष्टमी और 31 अगस्त को नंदोत्सव एवं इस्कॉन के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद का 125 वां आविर्भाव महोत्सव भी मनाया जाएगा।
जन्माष्टमी पर भगवान राधा-गोविंद को विशेष पुष्प वस्त्र (फ्लावर ड्रेस ) पहनाए जाएंगे। इस ड्रेस के लिए विशेष रूप से मुंबई और देश के अन्य भागों से फूल मंगवाए गए हैं। मंदिर पर विशेष आकर्षक विद्युत सज्जा की गई है। 29 अगस्त की संध्या से 31 अगस्त तक भंडारा महाप्रसाद वितरण होगा।
श्रीजी मंदिर 80 साल पुराने झूले पर विराजेंगे प्रभु
लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर में इस मौके पर विशेष आयोजन होंगे। मंदिर के मुखिया श्रीकांत शर्मा ने बताया कि इस दौरान भगवान को केसर के जल में रंगे गए वस्त्र पहनाए जाएंगे। सिर पर 11 जोड़़ की मोर चंद्र्रिका, सोने, मोती और पन्ने के आभूषण पहनाए जाएंगे। इस दौरान 62 प्रकार की सामग्री का भोग लगाया जाएगा। इसी प्रकार 31 अगस्त को प्रभु श्रीनाथ को 80 साल पुराने चांदी के पालने में विराजमान किया जाएगा।
बिड़ला मंदिर
शहर के लक्ष्मीनारायण बिड़ला मंदिर में मंदिर के पट 9 बजे तक ही खुले रहेंगे। मंदिर के प्रबंधक केके पांडेय ने बताया कि कोविड नियमों के चलते मंदिर के पट रात्रि 9 बजे तक ही खुले रहेंगे। इस बार भगवान की पोशाक और मुकुट वृंदावन और मथुरा से आ रहे हैं। पोशाक मखमल की बनी हुई है, जिसमें सितारे लगाए गए हैं।
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