fbpx

प्रदेश में जगह-जगह खुल रहे अंग्रेजी स्कू  ल, हिंदी माध्यम में पद स्वीकृति सरकार गई भूल

 दिलीप दवे बाड़मेर.सरकार अंग्रेजी में प्रदेश की प्रतिभाओं को निखारने के लिए महात्मागांधी अंग्रेजी स्कू  ल खोल रही है तो दूसरी ओर हिंदी माध्यम के सरकारी विद्यालयों में अंग्रेजी व हिंदी के व्याख्याता ही नहीं लगा रही।
स्टाफिंग पैटर्न के लिए प्रदेश के करीब साढे सात हजार स्कू  ल अनिवार्य हिंदी व अंग्रेजी के व्याख्याताओं के बिना संचालित हो रहे हैं जिसमें से ३५०० को सरकारी मापदंड पूरा करने के बावजूद पदों की स्वीकृति का इंतजार छह साल से कर रहे हैं।

वहीं, स्वीकृत पदों के अनुरूप भी करीब एक हजार व्याख्याताओं के पद रिक्त है। प्रदेश के सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बीच सरकार नियम आड़े आ रहे हैं तो जिम्मेदारों की उदासीनता भी प्रतिभाओं विशेषकर ग्रामीण प्रतिभाओं को ङ्क्षहदी व अंग्रेजी के ज्ञान से दूर कर रही है।
क्योंकि करीब छह साल पहले 25 जून 2019 को प्रदेश में स्टाफिंग पैटर्न शुरू हुआ जिसमें सौ से कम नामांकन वाले उच्च माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी अनिवार्य विषय के व्याख्याताओं के पद समाप्त कर वरिष्ठ विषयाध्यापकों को ग्यारहवीं व बारहवीं को पढ़ाने का जिम्मा दे दिया।
इसके चलते प्रदेश की ११३७५ स्कू  लों में से ७५९३ अनिवार्य हिंदी व ७४३७ में अनिवार्य अंग्रेजी विषय के व्याख्याता पद ही नहीं है। इस पर वरिष्ठ विषयाध्यापक ही अंग्रेजी व हिंदी पढ़ा रहे हैं जबकि एेच्छिक विषयों के व्याख्याता लगे हुए हैं। खास बात यह है कि प्रदेश में अंग्रेजी विषय में ही विद्यार्थियों को सर्वाधिक परेशानी हो रही है जबकि ङ्क्षहदी की जानकारी हर विषय की पढ़ाई में जरूरी है।
अर्हरता के बावजूद छह साल से पदों का इंतजार- सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न लागू किया जिसमें सौ से अधिक का नामांकन होने पर उस स्कू  ल में ङ्क्षहदी व अंग्रेजी विषय के व्याख्याता की नियुक्ति करने का प्रावधान रखा। इस प्रावधान के तहत प्रदेश के ३५०० स्कू  ल आते हैं जहां वर्तमान में सौ से अधिक नामांकन जिस पर यहां व्याख्याता हिंदी व अंग्रजी की नियुक्ति होनी है लेकिन सरकार ने पद ही स्वीकृत नहीं किए हैं।
स्वीकृत पदों में भी पदरिक्तता- प्रदेश के ११३७५ स्कू  लों में से वर्तमान में 3782 स्कू  लों में हिंदी अनिवार्य विषय के व्याख्याता पद स्वीकृत है जिसमें से 3292 कार्यरत जबकि 490 पद रिक्त हैं। वहीं, अंग्रेजी अनिवार्य के 3938 व्याख्याता के स्वीकृत पदों में से 3498 कार्यरत है जबकि 440 पद खाली है।
हर स्कू  ल में हो व्याख्याता- हम लम्बे समय से मांग कर रहे हैं कि हर स्कू  ल में ङ्क्षहदी व अंग्रेजी के व्याख्याता के पद स्वीकृत हो। लम्बे समय से पद स्वीकृत नहीं हो रहे जबकि स्टाफिंग पैटर्न के अनुसार भी काफी स्कू  ल व्याख्याता लगाने की अर्हरता पूरा कर रहे हैं। सरकार इस पर ध्यान दे।- बसंतकुमार जाणी, जिलाध्यक्ष वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा



Source: Education