घड़साना किसान आंदोलन: किसानों ने एसडीएम कार्यालय के तीनों गेटों के ताले लगाए,200 पुलिस कर्मी बंधक
घड़साना किसान आंदोलन: किसानों ने एसडीएम कार्यालय के तीनों गेटों के ताले लगाए,200 पुलिस कर्मी बंधक
-घड़साना में एसडीएम कार्यालय के आगे रात को डटे हैं सैकड़ों किसान
घड़साना. रबी फसल की बुवाई से पकाव तक पानी देने की मांग को लेकर किसानों की ओर से किया जा रहा आंदोलन शनिवार रात उग्र हो गया। किसानों रात करीब आठ बजे एसडीएम कार्यालय व तहसीलदार कार्यालय के मुख्य गेट सहित तीनों गेटों पर ताले लगा दिए। इस दौरान करीब 200 जवान इन कार्यालयों के भीतर थे। उनके साथ रायसिंहनगर के एडिशनल एसपी बीएल मीणा भी मौजूद थे। इससे पहले किसानों के प्रशासन ठप की चेतावनी के तहत सैकड़ों किसान पड़ाव स्थल पर पहुंचे और उन्होंने तहसीलदार कार्यालय के आगे लगाए बेरीकेड्स गिरा दिए। आंदोलन के अगुवा नेताओं ने बीच-बचाव कर उनके साथ पुलिस का टकराव टाला। किसानों ने कार्यालयों के तालाबंदी करने के बाद मौके पर ही पड़ाव डालकर खाने का लंगर लगाया।
इससे पहले शाम को पड़ाव स्थल पर हुई सभा में किसानों ने संकल्प लिया कि वे किसी भी कीमत पर पानी लेकर ही घर जाएंगे। किसानों ने सरकार को दो टूक जवाब भी दिया कि पानी के लिए जयपुर में किसी प्रकार की वार्ता नहीं करेंगे। सरकार के प्रतिनिधि को घड़साना आकर ही वार्ता करनी होगी। वहीं यह भी घोषणा की कि किसानों की मांग के मुताबिक यदि सरकार अक्टूबर माह में दो बारी पानी फसल बुवाई के लिए दें और बोयी गई फसल के पकाव की गांरटी देने की घोषणा करे तो किसान आंदोलन समाप्त कर घर लौट जाएंगे।
सभा समाप्त करने के बाद मंच से प्रशासन ठप करने की घोषणा हुई। लेकिन किसानों से टकराव टालने के लिए प्रशासन ने पहले से एसडीएम कार्यालय तथा तहसीलदार कार्यालय के मुख्य गेट बंद कर अवरोधक लगा दिए थे।
किसान नेता सत्यप्रकाश सिहाग, श्योपतराम मेघवाल तथा राकेश बिश्नोई ने पुलिस से टकराव कर रहे युवकों को समझाइश कर बचाव किया। किसान नेता पुलिस के आगे आकर जमीन पर बैठ गए। इस कारण टकराव से बचाव हो गया। प्रशासन ठप करने के लिए खाजूवाला, दंतौर, पूगल, छतरगढ़, रावला, रोजड़ी आदि क्षेत्र से किसानों के जत्थे एसडीएम कार्यालय पहुंचे थे।
Source: Education