पर्चा तो भर दिया, अब गांवों का रुख
धौलपुर. पंचायत चुनाव के तहत जिले में शुक्रवार को जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य चुनाव के लिए नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण कलक्ट्रेट परिसर में अभ्यर्थियों का मेला गया। इस दौरान कलक्ट्रेट परिसर अभ्यर्थियों तथा उनके समर्थकों से खचाखच भर गया। वहीं, जगह-जगह लगी हेल्प डेस्कों पर नामांकन-पत्र जांच कराने के लिए अभ्यर्थी की भीड़ जुटी रही। जिला परिषद सदस्य के लिए जिला कलक्टर को नामांकन-पत्र सौंपे गए, तो पंचायत समिति सदस्य के लिए उपखण्ड अधिकारी के समक्ष पर्चा दाखिल किए। अभ्यर्थियों की भीड़ को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया था। कलक्ट्रेट कार्यालय के सभी दरवाजों पर भी पुलिसकर्मी बैठे हुए थे। वे अभ्यर्थी तथा उसके साथ आए एक ही प्रस्तावक को अंदर जाने दे रहे थे। इस कारण निर्वाचन अधिकारी कक्षों में अभ्यर्थियों की भीड़ नहीं जुट पाई। उल्लेखनीय है कि नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए 4 अक्टूबर से ही प्रक्रिया शुरू हो गई थी, लेकिन तीन दिन श्राद्ध पक्ष होने के कारण पर्चा नहीं भरे गए। वहीं, गुरुवार को भी अमावस्या की पड़वा होने के कारण कम ही अभ्यर्थियों ने नामांकन-पत्र दाखिल किए।
भीड़ से बचने के लिए लगाई दर्जन भर डेस्क
कलक्ट्रेट परिसर में अंतिम दिन नामांकन के लिए भीड़ जुटने की संभावना को लेकर जिला प्रशासन नेे भीड़ तथा अव्यवस्थाओं से बचने के लिए करीब एक दर्जन हेल्प डेस्कों का गठन किया। इस दौरान पंचायत समिति सदस्यों तथा जिला परिषद सदस्यों के लिए नामांकन दाखिल करने वालों के लिए अलग-अलग डेस्क स्थापित की गई। इन हेल्प डेस्कों पर ही नामांकन पत्र की कमी-पूर्ति की जा रही थी। इस कारण नामांकन-पत्र दाखिल करने के दौरान भी समय भी नहीं लगा और भीड़ भी नहीं जुट पाई।
गाडिय़ों का लगा जमावड़ा
नामांकन दाखिल करने आए अभ्यर्थियों के साथ निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में भले ही एक प्रस्ताव को जाने की अनुमति थी, लेकिन अभ्यर्थी अपने समर्थकों को भारी संख्या में लेकर पहुंचे थे। इस दौरान समर्थकों की गाडिय़ां कलक्ट्रेट के बाहर ही खड़ी कर दी गईं। इस दौरान समर्थक कलक्ट्रेट परिसर में गार्डन में बैठे दिखाई दिए।
पार्टी से फॉर्म तो भर दिया, टिकट का पता नहीं
नामांकन दाखिल करने के दौरान कई अभ्यर्थी ऐसे भी थे, जिन्होंने राजनीतिक दलों से पर्चा तो भर दिया, लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि टिकट मिलेगा या नहीं। वहीं कई अभ्यर्थी ऐसे भी थे, जिनको खुद पार्टी पदाधिकारियों ने पर्चा भरने की बात कही, लेकिन ऐनवक्त तक सिम्बल नहीं दिया, ऐसे वे कहते दिखाई दिए कि ‘पर्चा तो भर दिया, लेकिन टिकट का पता नहींÓ। हालांकि कई अभ्यर्थियों ने पार्टी के साथ निर्दलीय फॉर्म भी दाखिल किया है।
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