अब तो आंसू भी सूख गए, सुहाग का इंतजार करते-करते
पत्नी आशा बोली – ‘आंखों में गुजार रही हूं दिन-रात, आखिर कब देख पाउंगी मरे हुए पति का मुंहÓ
नयागांव (उदयपुर). खेरवाड़ा क्षेत्र के गोड़वा गांव के रहने वाले हितेन्द्र गरासिया की रसिया में मौत और दो माह बाद भी शव गांव नहीं पहुंच पाने की घटनाएं सारी मानवीय संवेदनाएं आहत कर दी। एक मां की आंखें जवान बेटे के इंतजार में पथरा गई तो उसकी सुहागिन का एक-एक दिन पहाड़ सा गुजर रहा है। मृतक की पत्नी आशा कहती है कि ‘अब तो आंसू भी सूख गए, सुहाग का इंतजार करते-करते, दिन-रात आंखों में गुजार रही हूं, आखिर अपने मरे हुए पति का मुंह कब देख पाऊंगी।Ó
करीब दो माह पहले परिजनों को हितेंद्र की मौत की खबर मिली थी। तब से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजन बताते हैं कि 2 माह से शव को भारत लाने के लिए प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कहीं से भी संतुष्टिप्रद जबाव नहीं मिल पा रहा है। ना तो रशिया एमबीसी की ओर से शव भेजा जा रहा है और ना ही केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय से मदद मिल पाई है। मृतक के परिवार में पत्नी आशा देवी के अलावा दो बेटे और दो बेटियां है। परिजन दो माह से ना ठीक से खाना खा पाए हैं और ना ही सो पाए हैं। पड़ोसी कभी कभार परिजनों का हाल जानकर ढाढ़स बंधा रहे हैं।
साथी हो गया पत्थर दिल
मृतक के चाचा पूर्व सरपंच बाबूलाल गरासिया ने बताया कि मृतक हितेंद्र को डेचरा निवासी रमेश पटेल रशिया ले गया था। उसी ने वीजा-पासपोर्ट बनवाए थे। हितेंद्र की मौत की खबर के बाद परिजनों ने रमेश पटेल से संपर्क किया। वह अब भी रशिया में ही है। एक बार बात करने के बाद रमेश से दुबारा संपर्क नहीं हो पाया। ना ही उसने हितेंद्र का शव लाने की पहल की।
हर मोर्चे पर कोशिश विफल
परिजनों ने बताया कि उन्होंने रशिया एमबीसी दिल्ली को मेल भेजकर शव भारत पहुंचाने का आग्रह किया था। जिस पर रशिया एमबीसी ने जवाबी मेल भेजकर रशिया में स्थित मुर्दाघर में संपर्क करने को कहकर पल्ला झाड़ दिया। परिजनों ने इंडियन एमबीसी, विदेश मंत्रालय, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय जयपुर, सांसद अर्जुनलाल मीणा, राजसथान संपर्क पोर्टल पर भी जानकारी दी, लेकिन कहीं से भी मदद नहीं मिली।
इनका कहना
विदेश मंत्रालय से लगातार बात हो रही है। युवक के दस्तावेज विदेश मंत्रालय को भेजे हैं। शव लाने का प्रयास किया जा रहा है। रशिया में शव होने का पूरा पता नहीं चल पा रहा है। मंत्रालय से जानकारी ले रहे हैं।
अर्जुनलाल मीणा, सांसद, उदयपुर
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मृतक के शव को भारत लाने का प्रयास किया जा रहा है। हमने भी कई बार विदेश मंत्रालय और एमबीसी में सम्पर्क किया है। परिजनों को रशिया स्थित एमबीसी से बात भी करवाई है। उम्मीद है जल्द समाधान होगा।
नागेन्द्र सिंह, थानाधिकारी, पहाड़ा
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परिजन लम्बे से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन किसी प्रकार का सही जवाब नहीं मिल पा रहा है। हितेंद्र की मौत का कारण जानने, शव भारत भेजे जाने की मांग की है। शव को जल्द ही भारत नहीं भेजा गया तो आन्दोलन करेंगे।
ममता मीणा, पंचायत समिति सदस्य, नयागांव
Source: Education