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तेरापंथ धर्मसंघ में नवरात्रि अनुष्ठान

तेरापंथ धर्मसंघ में नवरात्रि अनुष्ठान
गदग
जैन साध्वी पद्मावती के सान्निध्य में नवरात्रि का अनुष्ठान” सानंद संपन्न हुआ। साध्वी पद्मावती ने कहा कि हर दिन, हर क्षण, हर समय अपने आप में मंगल होता है पर इन 365 दिनों में भी कुछ दिन विशेष माने जाते है। उसमें नवरात्र का समय साधना की दृष्टि से, तंत्र, मंत्र, यंत्र की दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
साध्वी डॉ. गवेषणा ने कहा कि मंत्र विविध शक्तियों का खजाना है। सभी धर्मों में मंत्र जप की परम्परा रही है प्रत्येक अक्षर मंत्र है। मंत्र और साधक दोनों में तादात्म्य नहीं जुड़े तो वह फलवान नहीं बनता ।
साध्वी मयंकप्रभा ने कहा कि जैसे खेती की सुरक्षा के लिए बाड़ की, चरित्र की सुरक्षा के लिए संयम की आवश्यकता है वैसे ही स्वसुरक्षा के लिए मंत्र साधना का रक्षक कवच आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए सुरक्षा का रक्षाकवच होना चाहिये। रक्षाकवच मजबूत दृढ़ और कठोर बनाने के लिए यह नवरात्रि अनुष्ठान का माध्यम माना जाता है। यह नौ दिन नौ निधि की प्राप्ति के समान है। साध्वी दक्षप्रभा व साध्वी मेरुप्रभा ने गीतिका प्रस्तुत की। आयम्बिल के साथ नवरात्रि का अनुष्ठान पूर्ण हुआ।



Source: Education