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अगले शिक्षा सत्र से स्कूलों में लागू होगा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम : डोटासरा

राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राज्य में पाठ्यक्रम समीक्षा समितियों की सिफारिश पर विद्यार्थी हित को ध्यान में रखते हुए अगले शिक्षा सत्र 2020-21 से राजकीय एवं संबद्ध विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की हिन्दी और अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकों को लागू किया जाएगा। डोटासरा ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि शिक्षाविदों की गठित समितियों की सिफारिश के आधार पर राज्य में ऐसे पाठ्यक्रम को वरीयता दी जा रही है जो विद्यार्थियों के ज्ञानवद्र्धन के साथ ही भविष्य में उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता का आधार प्रदान करे। उन्होंने कहा कि सत्र 2020-21 में कक्षा छह से आठ में एनसीईआरटी द्वारा तैयार ‘हमारा राजस्थान’ शीर्षक की नवीन तीन पुस्तकों के तीन भाग यथा ‘हमारा राजस्थान भाग प्रथम, द्वितीय और तृतीय कक्षा 6, 7 और 8 में लागू की जाएगी।

डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार की स्पष्ट मंशा है कि शिक्षा में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से पिछली सरकार द्वारा विचारधारा विशेष को पोषित किए जाने वाली पुस्तकों के स्थान पर अब राजस्थान में विद्यार्थियों को राजस्थान के भूगोल, इतिहास और संस्कृति से संबद्ध पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी। शिक्षा सत्र 2020-21 से कक्षा नौ एवं कक्षा 11 में एनसीईआरटी की हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकें लागू की जाएंगी। कक्षा 10 एवं 12 में सत्र 2020-21 में वर्तमान में संचालित पाठ्यक्रम यथावत रखा जाएगा, लेकिन सत्र 2021-22 से इन कक्षाओं में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तकें लागू की जाएगी।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि कक्षा नौ से 12 के विद्यार्थियों को राजस्थान के भूगोल, इतिहास, संस्कृति एवं शौर्य परम्परा से परिचय कराने के लिए और आजादी के बाद का राष्ट्र निर्माण एवं स्वर्णिम भारत के विविध पक्षों से परिचय कराने हेतु विशेष पुस्तकों का प्रावधान किया गया है। इसके तहत कक्षा नौ में अब ‘राजस्थान का स्वतंत्रता आंदोलन एवं शौर्य परम्परा’, कक्षा 10 में ‘राजस्थान का इतिहास एवं संस्कृति, कक्षा 11 में ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत, भाग प्रथम’ तथा कक्षा 12 में ‘आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत, भाग द्वितीय’ का अध्ययन करवाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि पुस्तकों में विषयों के अनुसार ही चित्र एवं नक्शे इत्यादि का प्रयोग किया गया है। विषय विशेषज्ञ एवं विद्वानों द्वारा तार्किक विश्लेषण से आबद्ध सरल भाषा में इस तरह से विषय सामग्री पुस्तकों में समाविष्ट की गई है कि विद्यार्थी को विषय की जानकारी हो सके।



Source: Education