कहानी उस चैंपियन बॉलर की, जिनसे कैरियर के अंतिम मैच में 8 विकेट लेकर रचा था इतिहास
2010 में भारत श्रीलंका दौरे पर तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला खेलने गया था। मुरलीधरन ने इस बात की घोषणा पहले ही कर दी थी कि वे पहले टेस्ट के बाद रिटायरमेंट ले लेंगे। उस समय मुरलीधरन 800 विकेट के जादुई आंकड़े को पूरा करने से 8 विकेट दूर थे। उस आंकड़े को छूने के लिए उनके पास बस एक ही टेस्ट मैच बचा था। परीक्षा कठिन थी ।लेकिन कहा जाता है ना सुरमा नहीं विचलित होते । मैच से पहले ही वह घोषणा कर चुके थे कि इस मैच में वे आठ विकेट लेंगे। उस समय श्रीलंका टीम के कप्तान कुमार संगकारा थे। उन्होंने मुरलीधरण से कहा था हम जानते हैं आप चुनौतियों का सामना करना पसंद करते हैं ,लेकिन इस तरह से सोचे कि यदि आपको पहले टेस्ट में 8 विकेट नहीं मिलता है तो आप 800 के आंकड़े से दूर रह जाएंगे। इसके लिए आप एक और टेस्ट खेल सकते हैं यदि आप थक गए हैं तो दूसरे टेस्ट में ब्रेक लेकर तीसरे टेस्ट में फिर से वापस आ जाएं या फिर अगली सीरीज के लिए वापस आ सकते हैं। इस पर मुरलीधरन का जवाब आया की अगर मुझे दुनिया का सर्वश्रेष्ठ स्पिनर माना जाता है तो मुझे किसी भी टीम के खिलाफ गॉल में 8 विकेट लेने में सक्षम होना चाहिए। मुरलीधरन ने जो कहा वही किया भी उन्होंने भारत के खिलाफ गॉल में पहली पारी में पांच विकेट और दूसरी पारी में 3 विकेट लेकर इतिहास रच दिया श्रीलंका ने 10 विकेट से मैच जीतकर मुरलीधरन को शानदार विदाई दी ।मुरलीधरन टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं।मुरलीधरन ने अपने 133 मैचों के टेस्ट कैरियर उन्होंने 67 बार एक पारी में 5 विकेट और 22 बार एक टेस्ट में 10 विकेट लिया है। इसके अलावा 350 वनडे मैचों में उन्होंने 534 विकेट लिया है। 10 पारियों में उन्होंने 5 या उससे ज्यादा विकेट लिया है। अभी वर्तमान में कोई ऐसा स्पिनर नहीं है जो उनके टेस्ट आंकड़े के आसपास भी है।
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