रक्तदाता बचा रहे डेंगू मरीजों की जान
चन्द्र प्रकाश जोशी
अजमेर. कोरोना संक्रमण के बाद अब डेंगू ने मरीजों की जान सांसत में डाल दी है। कोरोना के समय जहां हर व्यक्ति सोशल डिस्टेंस रख रहा था, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बना रहा था लेकिन डेंगू में स्थिति बिल्कुल उलट हो गई है। अब आमजन डेंगू मरीजों की जान बचाने के ना केवल प्रयास कर रहे हैं बल्कि रक्तदान के लिए आगे आ रहे हैं। डेंगू के मरीजों को बचाने का एक मात्र सहारा प्लेटलेट्स ही है।
अजमेर जिले में डेंगू का प्रकोप इस कदर है कि अस्पताल में हर तीसरा मरीज डेंगू का भर्ती है। संभागीय मुख्यालय के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में डेंगू के भर्ती मरीजों की संख्या 80 से ऊपर है, जबकि जिलेभर में 800 से अधिक लोग डेंगू से बीमार है। अगर हम बात करें एलाइजा किट टेस्ट में डेंगू पॉजिटिव मरीजों की तो करीब 400 मरीज अब तक सामने आ चुके हैं।
अजमेर में सात साल में डेंगू दूसरी बार सबसे अधिक मरीज
वर्ष डेंगू मरीज (एलाइजा किट)
2014 134
2015 272
2016 122
2017 121
2018 144
2019 480
2020 16
2021 400
प्लेटलेट्स के लिए रक्तदान
प्लेटलेट्स के लिए स्वैच्छिक रक्तदाता आगे आ रहे हैं। डेंगू के मरीजों के लिए तत्काल रक्तदान करने निकाली गई ताजा प्लेटलेट्स कारगर होती है। इसलिए हर मरीज के लिए ताजा प्लेटलेट्स के लिए रक्तदाताओं की जरूरत पड़ती है। ऐसे में कई रक्तदाताओं ने रक्तदान प्लेटलेट्स का सहयोग किया है।
जांच के नाम पर निजी लैब की मनमानी
डेंगू जांच के लिए निजी लैब सचालक मनमाना शुल्क ले रहे हैं। एलाइजा जांच के लिए 1500 से 1800 रुपए वसूल रहे हैं। रेपिड कार्ड से टेस्ट के लिए 600 से 850 रुपए वसूल रहे हैं। इन पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का भी नियंत्रण नहीं है।
रक्तदाता का व्यूू
अगर रक्तदान करने से अच्छा महसूूस हुआ है। प्लेटलेट्स रक्त से ही संभव है। इसके लिए आमजन को रक्तदान के लिए आगे आना चाहिए। डेंगू के मरीजों को अभी सबसे ज्यादा जरूरत प्लेटलेट्स की है। हर युवा इसके लिए आगे आए ताकि डेंगू के मरीज की जान बचाई जा सके।
मोहम्मद यासीन खान, युवा
डेंगू रोग के लक्षण नजर आने के साथ ही चिकित्सक से संपर्क करें। पहले घर के अंदर फोगिंग करें फिर बाहर करें। घर के आसपास पानी भरा हो तो एंटी लार्वा एक्टिविटी कराएं। डेंगू के मरीज को लिक्विड अधिक दें। नारियल पानी भी फायदेमंद है। चिकित्सक के परामर्श से उपचार लें। प्लेटलेट्स के लिए स्वैच्छिक रक्तदान आवश्यक है, ताकि तुरंत निकाले गए रक्त की प्लेटलेट्स कारगर रहती है।
डॉ. अनिल सामरिया, वरिष्ठ फिजिशियन
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