सीएम साहब! आपकी हो नजरे इनायत, तो चमके धौलपुर की किस्मत
धौलपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को सिंगोरई आ रहे हैं। वे यहां प्रशासन गांवों के संग अभियान का अवलोकन करेंगे। मुख्यमंत्री के धौलपुर जिले में आने से जिलेवासियों को कई तरह की उम्मीदें जागी हैं। लोगों को आस है कि मुख्यमंत्री धौलपुर के लोगों की उम्मीदों को समझते हुए जिले के विकास को नई दिशा दिखाएंगे। बजट में जिले के लिए तमाम तरह की घोषणाओं के बावजूद जिले में कई समस्याएं अभी भी मुंह खोले खड़ी हैं। धौलपुर आ रहे मुख्यमंत्री की नजरे-इनायत इन पर हो तो जिले की तकदीर चमकने के आसार है।
बजट मिले तो बने रोडवेज का वर्कशॉप राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या तीन पर धौलपुर शहर में बने ओवरब्रिज के दौरान भूमि अवाप्त करने से रोडवेज बस स्टैण्ड अब नाम मात्र की जगह पर संचालित हो रहा है। इसे देखते हुए राÓय सरकार ने औंडेला मार्ग पर कई वर्षों पहले वर्कशॉप के लिए भूमि तो आवंटित कर दी, लेकिन बजट के अभाव में वर्कशॉप का कार्य ही प्रारंभ नहीं हो पाया है। इस कारण वर्कशॉप तथा बस स्टैण्ड एक ही परिसर से संचालित हो रहे हैं। बस दोनों के बीच एक दीवार का फासला है। इसे लेकर रोडवेज अधिकारी ही नहीं जिला प्रशासन तक राÓय सरकार को बजट के लिए पत्र भेज चुके हैं। वर्कशॉप के यहीं पर संचालन होने के कारण बस स्टैण्ड पर बसों के खड़े होने की जगह ही नहीं बचती है। इस कारण हाइवे की सर्विस रोड पर बसों को खड़ा रखना पड़ता है। वहीं बसों के बैक करने के दौरान तो सर्विस रोड पर जाम तक लग जाता है। रोजगार के लिए उद्योग की दरकार जिले में सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है। रोजगार के अभाव में स्थानीय लोग बड़ी संख्या में दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं। वहीं इन्फ्रास्ट्रक्चर के अभाव में पूर्व में लगे उद्योग भी दम तोड़ते जा रहे हैं। ऐसे में सरकार को रोजगार के लिए उद्योग लगाने के साथ ही उद्योगों के लिए सुविधाएं मुहैया करानी होगी। जिससे जिले का विकास हो सके। रोजगार नहीं होने के कारण ही नई पीढ़ी भी अपराध की दुनिया में कदम रख रही है। आए दिन होने वाली आपराधिक घटनाओं में युवाओं के शामिल होने का बेरोजगार प्रमुख कारण है। इस कारण सरकार की ओर से रीको बनाना ही पर्याप्त नहीं है। इसमें सुविधाएं तथा उद्योगपतियों को प्रोत्साहित कर धौलपुर में कारखाने लगवाने की व्यवस्था करनी होगी। बिना स्टेडियम कैसे नाम रोशन करें खिलाड़ी राÓय सरकार ग्रामीण बालक-बालिकाओं में खेलों के प्रति आकर्षित करने के लिए ग्रामीण ओलम्पिक के लिए पंजीयन करा रही है, लेकिन हकीकत यह है कि खिलाडिय़ों को खेलने तथा अभ्यास करने के लिए जिला स्तरीय स्टेडियम तक नहीं है। हालांकि राÓय सरकार ने स्टेडियम बनाने के लिए घोषणा कर रखी है, लेकिन अभी तक उपयुक्त स्थान पर जमीन का आवंटन तक नहीं हो सका है। ऐसे में खिलाड़ी निराश हैं। अगर स्टेडियम का निर्माण होता है तो खिलाड़ी राÓय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन कर सकते हैं। धौलपुर बन सकता है पर्यटन हब धौलपुर जिले में कई ऐतिहासिक व पौराणिक स्थल हैं, जिनका विकास किया जाए तो जिला पर्यटन हब बन सकता है। सबसे महत्वपूर्ण अगर मचकुण्ड को कृष्णा सर्किट में शामिल किया जाता है तो पर्यटन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। वहीं शेरगढ़ का किला, सुआ का किला, गजरा का मकबरा, चंबल बीहड़ सफारी को विकसित किया जा सकता है। ऐसे में आगरा तथा ग्वालियर के बीच पडऩे के कारण पर्यटक यहां रुक सकेंगे। इससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही धौलपुर जिला पर्यटन मानचित्र पर भी जगह बना सकता है।
जिले को मंत्री पद की दरकारजिले में कांग्रेस के लगातार अ’छे प्रदर्शन के बावजूद यहां से एक भी मंत्री नहीं होना जिलेवासियों को खासा अखरता है। जिले की चार में से तीन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं। जिले में जिला परिषद और नगर निकाय से लेकर पंचायतों तक कांग्रेस का परचम है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन की संभावनाओं को देखते जिले को मंत्री पद मिलने का सपना भी यहां के लोग देख रहे हैं। मुख्यमंत्री जिले को मंत्रीपद देते हैं तो जिले की संभावनाओं को पंख लगने की उम्मीद है।
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