जम्मू कश्मीर को सही समय आने पर दिया जाएगा पूर्ण राज्य का दर्जा, सरकार ने संसद में दी जानकारी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आज संसद में जम्मू-कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल, आज संसद में सरकार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन सही समय आने पर। हालांकि सरकार ने यह नहीं बताया कि वह सही समय कब होगा। बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब केंद्र सरकार की ओर से कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की बात कही गई है। पहले भी सरकार के कई मंत्री भी यह बात कह चुके हैं। वहीं आज संसद में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने इस बारे में जानकारी दी है। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्हें बताया कि उचित समय आने पर जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा।
दरअसल, कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने पूछा था कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा कब दिया जाएगा, इसकी एक समय सीमा बताएं। संसद में इस सवाल का जवाब देते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा उचित समय पर बहाल किया जाएगा।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता तन्खा ने कश्मीर और लद्दाख में चुनाव को लेकर भी सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि क्या दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में चुनाव कराने के लिए कोई समयसीमा तय की गई है। इस पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद ने बताया कि दोनों जगह चुनाव कराने का निर्णय भारत के चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है, ऐसे में हम कोई जानकारी नहीं दे सकते।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था। इसके बाद से लगातार कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने और उसे पूर्ण राज्य बनाने की मांग उठती रही है। कुछ महीनों पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि केंद्र को संविधान और लोकतंत्र के अनुरूप जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को स्वीकार करना चाहिए।
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वहीं सरकार का कहना है कि कश्मीर में खराब हालातों को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। वहीं सरकार ने संसद में बताया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से कश्मीर में आतंकी घटनाएं कम हुई हैं। नित्यानंद राय ने संसद में बताया कि इस साल जम्मू-कश्मीर में 206 आतंकी घटनाएं हुई हैं। उन्होंने बताया कि 2018 में, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले जम्मू-कश्मीर में 417 आतंकी घटनाएं हुई थीं। अब 2021 में यह संख्या लगभग 50 फीसदी तक गिर गई है।
Source: National