विजय दिवस की स्वर्ण जयंती पर शहीदों को दी श्रद्धांजलि
धौलपुर. अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के तत्वावधान में गुरुवार को पुरानी सब्जी मंडी स्थित शहीद स्मारक पर विजय दिवस की स्वर्ण जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि कार्यवाहक जिला कलक्टर चेतन चौहान मौजूद रहे। ध्वजारोहण, राष्ट्रगान, पुष्पचक्र अर्पण तथा पुष्पांजलि के साथ कार्यक्रम की शुुरुआत की गई। सीडीएस जनरल बिपिन रावत व उनके साथियों की शहादत पर 2 मिनिट का मौन रख श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सेवा परिषद के प्रदेश सह संगठन मंत्री प्रणव मुखर्जी ने 1971 भारत पाक युद्ध के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विजय दिवस की स्वर्ण जयंती मनाई जा रही है। यह भारतीय जल, थल व नभ सेना की अपराजेय गाथा है। जब भारत ने 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को घुटनों के बल झुकने व आत्मसमर्पण करने को मजबूर किया। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के संघर्षों व रचनात्मक कार्यों की रूपरेखा खींची।मुख्य अतिथि चौहान ने बताया कि जैसलमेर में पोस्टिंग के दौरान 1971 युद्ध के सहभागी बने सैनिकों से मुलाकात हुई। उस दौरान वहां युद्ध अवशेष भी देखे। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के कई लोग सेना में सेवाएं दे चुके हैं। 1971 का भारत पाक युद्ध एक कभी न भूलने वाली घटना है। जिसमें भारतीयों ने अपने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय दिया। अंत में प्रांतीय उपाध्यक्ष कैप्टन शिवराम सिंह, शाखा अध्यक्ष कैप्टन अशोक परमार, शाखा सचिव सज्जन शर्मा, चतुरसिंह परमार, सूबेदार कैलाश चंद्र शर्मा, मिनेश शर्मा, सुरेश सिकरवार, शिवदत्त सिंह, सुरेन्द्र सिंह, सुल्तान सिंह, कौशलेंद्र, रामकिशन, राधेश्याम, शिवकुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष राहुल सैन, कालीचरण बघेला, सूबेदार केदार बघेला, कैलाश सोनी सहित अन्य पूर्व सैनिक व गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
इंदिरा गांधी के करिश्माई नेतृत्व का परिणाम था बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम
धौलपुर. बांग्लादेश आजादी की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से नियुक्त बांग्लादेश आजादी 50वीं वर्षगांठ आयोजन समिति जिला संयोजक पंडित दुर्गादत्त शास्त्री ने कहा कि बांग्लादेश का स्वतंत्रता संग्राम भारतीय सेनाओं की विजय गाथा एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की कुशल रणनीति का परिणाम था। शास्त्री ने कहा की बांग्लादेश का मुक्ति संग्राम 1971 में 25 मार्च से 16 दिसंबर तक चला था। आजादी की लड़ाई के साल भर के भीतर ही बांग्लादेश को स्वतंत्रता हासिल हो गई। कांग्रेस की ओर से बांग्लादेश की 50वीं वर्षगांठ पर सालभर शौर्य दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिसके अंतर्गत जिला, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर शौर्य दिवस के कार्यक्रम आयोजित हुए। शास्त्री ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का राष्ट्र निर्माण में योगदान किसी से छिपा नहीं ह
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