पंजाब में बेअदबी मामलों ने बिगाड़ा माहौल, क्या है बेअदबी और सिखों के लिए क्या है इसके मायने?
पिछले कुछ वर्षों में पंजाब (Punjab) में बेअदबी (sacrilege) का मुद्दा काफी चर्चा का विषय बन गया है। पिछले 24 घंटों में सिखों के पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के दो मामले सामने आए हैं। इन दोनों ही मामलों में दो आरोपियों को पीट-पीट कर मार डाला गया। इस घटना ने पंजाब के सियासी पारे को बढ़ा दिया है। किसी भी राजनेता ने लिंचिंग की आलोचना नहीं की है। कांग्रेस (Congress) के पंजाब प्रभारी नवजोत सिंह सिद्धू ने तो बेअदबी के दोषियों को फांसी की सजा देने तक की बात कह डाली है। इन घटनाओं के बाद से अब सभी के मन में सवाल है कि आखिर ये बेअदबी है क्या ? सिखों के लिए क्या है इसके मायने?
सिख धर्म में बेअदबी क्या है?
सिख धर्म में हमेशा से ही गुरु ग्रंथ से जुड़ी हर चीज पवित्र मानी जाती है क्योंकि गुरु को एक जीवित प्राणी माना जाता है। जो भी इसका अपमान करता है या कोई भी नुकसान पहुंचाता तो वो सिखों के गुस्से का सामना करता है। आज भी गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान कोई भी सिख सहन नहीं करता है। जो भी गुरु ग्रंथ साहिब की प्रति या उससे जुड़ी चीजें जैसे कृपाण, पगड़ी, रीतियों या धार्मिक इतिहास की प्रति का अपमान करता है उसे सिख धरम में बेअदबी माना जाता है। उसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान होगा। यही नहीं यदि कोई किसी सिख के केश या दाढ़ी का भी अपमान करे या जबरदस्ती उसे छूए तो वो भी बेअदबी मानी जाती है।
बेअदबी के मामले
ऐसा नहीं है कि आज के समय में बेअदबी करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है, या सिखों में गुस्सा देखने को मिल रहा है। इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो ऐसे कई मामले आपको देखने को मिलेंगे। एक नजर उन घटनाओं पर:
1. सिखों के सातवें गुरु गुरु हर राय ने अपने पुत्र राम राय को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था, क्योंकि उन्होंने मुगल शासक को खुश करने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब के शब्दों में फेर-बदल किया था।
2. मुगलकाल में जब लाहौर के दीवान लखपत राय ने जब गुरु ग्रंथ साहिब की सभी प्रतियों को नष्ट करने का आदेश दिया था तब उसे बचाने के प्रयास में कई सिखों ने अपना बलिदान दिया था।
वर्तमान की घटनाओं पर एक नजर
बेअदबी के कुल मामले देखें तो NCB की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 से 2020 के बीच बेअदबी के 721 मामले दर्ज किए गए थे।
1. वर्ष 2015 में जून माह में फरीदकोट के गाँव से गरु ग्रंथ साहिब की एक प्रति चोरी की हुई थी जो बाद में एक गांव के पास बिखरी हुई मिली थी। इस घटना ने सिखों को आक्रोशित किया था।
2. 2017 में तरनतारन में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र ग्रंथ में कुछ पेज को गंभीर स्थिति में पाए गए थे
3. 2018 में श्री गुटका साहिब के कुछ फैट हुए पेज मोठवाली गाओनव के गुरुद्वारे के पास मिले थे।
4. 15 अक्टूबर 2021 को निहंग सिखों के समूह ने बेअदबी मामले में तरनतारन निवासी लखबीर सिंह की कथित तौर हत्या कर दी थी।
5. इसके अलावा रविवार को कपूरथला में बेअदबी के आरोप में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पंजाब पुलिस ने 100 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
इसके बाद अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार शाम बेअदबी की कोशिश करने वाले एक और युवक की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या दी गई। इस मामले में पुलिस ने धारा 307 (हत्या के प्रयास) और धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को भड़काने) के तहत मामला दर्ज किया है।
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बेअदबी के इन मामलों पर हत्या करने वाली भीड़ इस कृत्य को सही ठहर रहे। उनका तर्क है कि सरकार कोई एक्शन नहीं लेती है इसलिए ‘इन्स्टेन्ट जस्टिस’ के तौर पर बेअदबी के दोषियों को सजा दी गई है।
बेअदबी के खिलाफ कानून का प्रावधान
बेअदबी के मामलों को रोकने के लिए कानून भी बनाए जा चुके हैं।
1. वर्ष 2015 में भाजपा-अकाली दल की सरकार ने IPC में नई धारा 295AA को जोड़ा था। इसके तहत गुरुगरन्थ साहिब का अपमान करने पर आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया, परंतु केंद्र गृह मंत्रालय ने इसे लौटा दिया था
2. वर्ष 2018 में काँग्रेस की सरकार ने बेअदबी को लेकर एक विधेयक पारित तो किया, परंतु उसे लागू नहीं किया।
फिलहाल कोई भी राजनीतिक दल बेअदबी मामलों में हुई लींचींग पर कुछ भी बोलने से बच रहा है। कोई भी सिख समुदाय को नाराज नहीं करना चाहता है जिससे आगामी विधानसभा चुनावों पर इसका प्रभाव पड़े।
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Source: National