अब न्यूरोबिक्स से होगी मैमॉरी शार्प
रूटीन कार्यों में हल्का फेरबदल
अब तक जो काम आप दाएं हाथ से करते आ रहे हैं तो कुछ समय के लिए वहीं सारे कार्य बाएं हाथ से करने की कोशिश कीजिए। यह करने में प्रॉब्लम होगी, लेकिन इससे आपका ब्रेन एक्टिव होगा। उदाहरण के लिए, अगर आप नल दाएं हाथ से खोलते हैं, तो कुछ दिनों के लिए बाएं से खोलना शुरू करें। लैंडलाइन फोन भी अभी तक जिससे उठाते आए हैं, अब दूसरे हाथ से उठाएं। ब्रश पर टूथपेस्ट लगाने के लिए भी अगर अभी तक आप दायां हाथ काम में लेते हैं तो अब बाएं हाथ से पेस्ट लगाएं। इस तरह से रूटीन कार्यों में कुछ दिनों के लिए फेरबदल करें।
रास्ता बदलते रहें, नया रूट लें
मार्केट, ऑफिस अथवा किसी भी काम के लिए फिर चाहे वह पालतु पशु को ही घुमाने के लिए घर से जब निकलें तो हमेशा नए रास्ते का चुनाव करें। इससे आप हर वक्त अलर्ट रहेंगे और एक पल को भी आपका दिमाग शिथिल नहीं पड़ेगा।
आंखें बंद करके महक को पहचानें
घर में रखें मसालों अथवा अन्य चीजों को आंखें बंद करके सिर्फ सूंघ कर पहचानें। ध्यान रहें छूना भी नहीं है।
कुछ कार्य बिना देखें करें
घर का दरवाजा खोलना अथवा अपने रूम में जाना, आदि जैसे आसान काम कोशिश करें कि आप आंखें बंद करके करें। शरीर के विभिन्न हिस्सों की बनावट को बंद आंखों से महसूस करें। नहाने जाएं अथवा शेव बनाएं तो केवल छूकर नल का पता लगाएं।
आप खुद डायलॉग्स बनाएं
टीवी या फिर मोबाइल पर कोई भी प्रोग्राम लगाएं, उदाहरण के लिए सीरियल अथवा फिल्म लगाकर उसे म्यूट कर दें। अब सीन के अनुसार हीरो और हीरोइन के लिए स्वयं डायलॉग्स बनाकर बोलें।
न्यूज पेपर अथवा मैगजीन बदलें
अगर आपको पढऩे का शौक है तो आप रूटीन से हटकर कोई अन्य मैगजीन अथवा न्यूज पेपर पढ़ें। साथ ही नई वेबसाइट्स अथवा ब्लॉग्स पर भी जा सकते हैं। परिवर्तन के लिए बच्चों के कार्यक्रमों को भी देख सकते हैं।
अपने विपरीत जाकर सोचें
किसी भी एक टॉपिक पर गहराई से सोचें, जैसे कोई भी एक सोशल इशू या फिर पॉलिटिकल मुद्दा भी ले सकते हैं। अब दूसरे चरण में आपको उस मुद्दे पर अपनी राय के विपरीत बहस को टीवी पर देखना है या फिर पढऩा है। सामने वाले के सोचने के तरीके पर गौर करना है और उसे समझने की कोशिश करनी है।
नए स्टोर से सामान लें
हर बार जिससे आप घर का सामान खरीदते आए हैं, इस बार किसी नए स्टोर पर जाएं। कुछ नए ब्रांड्स और नए फूड्स ट्राई करें।
नई एक्टिविटी से जुड़ें
अगर आप स्पोर्टी हैं, तो कोई नया गेम ट्राई कर सकते हैं। कोई नई हॉबी का चुनाव करें, जो आपके दिमाग को स्फूर्ती से भर दे और आप नई उर्जा महसूस करें। उदाहरण के लिए कोई नया म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट या फिर कोई नई डांस फॉर्म भी ले सकते हैं।
न्यूरोबिक्स कैसे काम करता है
हमारा दिमाग नसों के आवागमन का रास्ता है। सुबह ब्रशिंग से लेकर खरीददारी एवं अन्य सभी रूटीन के कार्यों को लेकर हमारा नर्वस सिस्टम पहले से व्यवस्थित होता है। इसीलिए कभी-कभी तो पता ही नहीं चलता कि कब ऑफिस से घर आ गया या फिर कोई काम कब पूरा हो गया। वास्तविकता यह है कि रूटीन कार्यों के लिए हम बहुत ज्यादा सचेत नहीं रहते और न ही हमारा पूरा ध्यान काम पर रहता है। न्यूरोबिक्स से हम कार्य करने के तरीके को बदलकर जानबूझकर रूटीन के कार्यों के लिए निर्धारित नर्वस सिस्टम में बदलाव करते हैं। इससे हमारे अंदर न्यूरोट्रॉफिन हार्मोन का उत्सर्जन होता है। यह एक नेचुरल ग्रोथ हार्माेन है, जो कि हमारे दिमाग की फिटनेस को बढ़ाता है। इस हार्माेन से दिमाग में आवागमन करने वाली नसें नए रास्ते बनाती हैं। जिससे नए न्यूरल कनेक्शंस भी बनते हैं। इन बढ़े हुए न्यूरल कनेक्शंस से दिमाग तक जाने वाली सूचनाएं और अच्छे ढंग से जाने लगती हैं। इससे हमारा दिमाग पहले से ज्यादा एक्टिव रहने लगता है। न्यूरोबिक्स दो चीजों पर आधारित है:
१. किसी भी कार्य को करने में एक या एक से अधिक ज्ञानेन्द्रिय यानी सेंस ऑर्गन काम में आए।
२. आप जो भी काम करें, पूरे मनोयोग से करें। जैसे अगर आप अपने वर्कप्लेस पर रूटीन रास्ते से जाएंगे तो दिमाग में आपके दूसरे विचार आते रहेंगे और यही अगर आप किसी नए रास्ते से जाएंगे तो आपका पूरा ध्यान ड्राइविंग पर रहेगा।
Source: Lifestyle
