श्री रामचरित्र मानस हर दिन पढ़ते हैं, लेकिन रामायण के इस अद्भूत रहस्य को क्या आज तक आप जानते हैं?
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री की जीवन चरित्र कथा या ये कहे की स्वयं उनका स्वरूप “रामचरित्र मानस ग्रंथ” रामायण, जिसका पावन पाठ अनेक शुभ अवसरों, जैसे रामनवमी, पर किया जाता है। कई श्रद्धालु तो रामायण का पाठ प्रतिदिन करते हैं। श्री रामायण जी का पाठ तो करते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इस रामायण में जो मुख्य शब्द है, जैसे राम, सीता आदि इन शब्दों का उल्लेख एक से ज्यादा कितने बार आया है। लंका में राम जी, सीता जी कितने दिन रहे, आदि अनेक रहस्य। जानें श्रीरामचरित्र मानस में जुड़े कुछ अद्भूत रहस्य।
श्री रामचरित मानस के इन मुख्य पात्रों का योगदान भगवान श्रीराम के संपूर्ण जीवन में कहीं न कहीं विशेष रहा है।
1- श्री रामचरित मानस में “राम” शब्द – 1443 बार आया है।
2- श्री रामचरित मानस में “सीता” शब्द – 147 बार आया है।
3- श्री रामचरित मानस में “जानकी” शब्द – 69 बार आया है।
4- श्री रामचरित मानस में “बैदेही” शब्द – 51 बार आया है।
5- श्री रामचरित मानस में “बड़भागी” शब्द – 58 बार आया है।
6- श्री रामचरित मानस में “कोटि” शब्द – 125 बार आया है।
7- श्री रामचरित मानस में “एक बार” शब्द – 18 बार आया है।
8- श्री रामचरित मानस में “मन्दिर” शब्द – 35 बार आया है।
9- श्री रामचरित मानस में “मरम” शब्द – 40 बार आया है।
10- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “लंका” में “भगवान राम” कुल – 111 दिन तक रहे।
11- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “लंका” में “सीताजी” – 435 दिन रहीं।
12- श्री रामचरित मानस में कुल “श्लोक संख्या” – 27 है।
13- श्री रामचरित मानस में कुल “चौपाई संख्या” – 4608 है।
14- श्री रामचरित मानस में कुल “दोहा संख्या” – 1074 है।
15- श्री रामचरित मानस में कुल “सोरठा संख्या” – 207 है।
16- श्री रामचरित मानस में कुल “छन्द संख्या” – 86 है।
17- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “सुग्रीव” में बल था – 10000 हाथियों का।
18- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “सीताजी” – 33 वर्ष की उम्र रानी बन गई थी।
19- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “मानस रचना के समय श्री तुलसीदासजी की उम्र – 77 वर्ष थी।
20- श्री रामचरित मानस के अनुसार, पुष्पक विमान की चाल – 400 मील/घण्टा थी।
21- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “रामादल व रावण दल” का युद्ध – कुल 87 दिन तक चला।
22- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “राम रावण युद्ध” कुल – 32 दिन तक चला है।
23- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “सेतु निर्माण” – कुल 5 दिन में पूरी हुआ था।
24- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “नल-नील के पिता” का नाम विश्वकर्मा जी है।
25- श्री रामचरित मानस के अनुसार, “त्रिजटा के पिता” का नाम – विभीषण हैं।
26- श्री रामचरित मानस के अनुसार, ” ऋषि विश्वामित्र” राम-लक्ष्मण को – 10 दिन के लिए ले गए थे।
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Source: Dharma & Karma