न्यायालयों की अधिकारिता में फंसी आरोपी गोविंद सिंह की खात्मा रिपोर्ट
दमोह. विगत दिनों हटा पुलिस की ओर से देवेंद्र चौरासिया हत्याकांड के नामजद आरोपियों में से आरोपी गोविंद सिंह के विरुद्ध जांच समाप्त करने आवेदन सीजेएम कोर्ट में आवेदन दिया गया था। जिस पर सीजेएम न्यायालय दमोह द्वारा उपरोक्त आवेदन अपर सत्र न्यायालय हटा में सुनवाई की तारीख 18 सितंबर तय की गई थी।
मंगलवार को सुनवाई में दोपहर 1 बजे हटा थाने से टीआइ विजय मिश्रा व फरियादी महेश चौरसिया, आहत सोमेश की ओर से अधिवक्ता गजेंद्र चौबे, अनिल मिश्रा व मनीष नगाइच ने न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा। पुलिस प्रतिवेदन पर सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश ने टीआइ विजय मिश्रा को फटकार लगाते हुए कहा कि आपके द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन न तो खात्मा और न ही खारिजी की किसी भी श्रेणी में आता है। ऐसी स्थिति में हम इस प्रतिवेदन को क्या मानकर आदेश पारित करें। जिस पर एजीपी गर्ग ने शासन का पक्ष रखते हुए प्रतिवेदन में आवश्यक सुधार कर उचित न्यायालय में कार्यवाही प्रस्तुत करने निवेदन किया।
प्रकरण के उभय पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने हटा पुलिस को गोविंद सिंह के मामले में उचित प्रक्रिया अपनाने व फरियादी पक्ष को प्रकरण में अपना पक्ष रखने की तारीख 26 सितंबर निर्धारित करते हुए सीजेएम न्यायालय दमोह में उपस्थित होने का नियत करते हुए संपूर्ण पत्रावली सीजेएम न्यायालय में वापस भेज दी है। पूरे घटनाक्रम में प्रकरण पर गौर करें तो यह बात अधर में है कि क्या गोविंद सिंह का नाम प्रकरण से अलग हो चुका है या उन्हें कोई राहत मिली है।
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