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इन 8 बीमारियों का लक्षण होता है मोटापा, जानिए वेट बढ़ाने वाली ये डिजीज कौन सी हैं

गलत खानपान, बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल या सही समय पर न खाने से मोटापा जरूर बढ़ता है, लेकिन हर किसी के मोटापे के पीछे केवल यही वजह नहीं होती है। अगर आपके सही खानपान और एक्सरसाइज के बाद भी वेट बढ़ता है तो ये चिंता का कारण हो सकता है। क्योंकि, वेट गेन के पीछे बीमारियों की आहट हो सकती है।

कई बार वजन बढ़ने का कारण कब्ज, स्ट्रेस, किसी विशेष दवा का साइड इफेक्ट भी होता है। शरीर में दो तरह से वजन बढ़ता है। एक है पीरियॉडिक और दूसरा है रैपिड। पीरियॉडिक में वजन कुछ समय के लिए तेजी से बढता है, लेकिन बाद में वजन कम हो जाता है। जैसे प्रेग्नेंसी में। जबकि, रैपिड में कुछ दवाईयों के साइड-इफेक्ट्स की वजह से वजन तेजी से बढ़ता है। शरीर में कई हार्मोनल बदलाव के कारण भी शरीर का वजन काफी तेजी से बढ़ने लगता है। लेकिन इसके अलावा किन बीमारियों के चलते वेट बढ़ता है, चलिए जानें।
हाइपोथायरायडिज्म से बढ़ता है वजन (Weight gain due to hypothyroidism)
जब शरीर में थॉयरॉक्सिन हार्मोन की कमी होने लगती है तो हाइपोथायरायडिज्म होता है। इसमें वेट बढ़ने लगता है और शरीर में सूजन हो जाती है। हाइपोथायराइडिज्म के चलते शरीर में थकान, कमजोरी, सांस फूलना आदि की समस्या होने लगती है।

नींद न आने की समस्या (Insomnia)
आपके नींद से मोटापे का भी कनेक्शन है। अगर आपको कम नींद आती है या आती नहीं तो इससे आपका वेट जरूर बढ़ेगा। ऐसा स्पील साइकल सही ना होने के कारण होता है, जिससे कई ऐसे हानिकारक हार्मोंस सक्रीय होते हैं जो वेट ही नहीं आपके मूड को भी खराब कर देते हैं। नींद की कमी के कारण शरीर को अतिरिक्त उर्जा की जरूरत होती है। ऐसे में व्यक्ति काफी ज्यादा कार्बोहाइड्रेड का सेवन करता है। जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से बढ़ने लगता है।
पीसीओडी (पॉलिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) (Polystic ovary syndrome)
जिन महिलाओं को पीसीओडी की समस्या है उनमें भी वेट गेन की समस्या हेाती है। पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं में असमान्य रूप से पुरुष सेक्स हार्मोंन का स्त्राव ज्यादा होता है। अनियमित मासिक धर्म, पेट दर्द, ब्रेस्ट साइज में बदलाव, शरीर पर अत्यधिक बाल का होना इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण हैं। पीसीओडी में महिलाओं के शरीर में इंसुलिन बनने में भी परेशानी होती है।
कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s syndrome)
कुशिंग सिंड्रोम एक हार्मोनल बीमारी है, जिसमें शरीर में कोर्टिसोल (cortisol) हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इस बीमारी में चेहरा, ऊपरी पीठ, गर्दन और कमर के आसपास चर्बी बढ़ने लगती है। अस्थमा, गठिया और लुपस जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों में इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा होता है।
किडनी कैंसर (Kidney Cancer)
शरीर में सूजन किडनी से जुड़ी बीमारी का संकेत होता है। किडनी फेलियर या नेफ्रोटिक सिंड्रोम की वजह से भी व्यक्ति का मोटापा बढ़ता है। इस समस्या से ग्रसित व्यक्ति के किडनी पर काफी बुरा असर पड़ता है। किडनी सही से काम ना करने के कारण शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिसकी वजह से शरीर का वजन बहुत ही तेजी से बढ़ता है।
ओवेरियन कैंसर(Ovarian cancer cause of obesity)
पेट फूलना और वजन बढ़ना ओवेरियन कैंसर का भी साइन है। इसमें महिलाओं को पेट में दर्द, तेजी से वजन बढ़ना, पेल्विक में दर्द, नींद में परेशानी, भूख ना लगना, बार-बार यूरिन होने के लक्षण दिखते हैं। अमूमन ओवेरियन कैंसर का पता लास्ट स्टेज में ही पता चलता है। ऐसे में महिलाओं को अगर पेल्विक में दर्द होता है, तो तुरंत उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
स्ट्रेस और एंग्जाइटी (Stress increases weight)
स्ट्रेस और एंग्जाइटी भी वेट बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। स्ट्रेस से शरीर में स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होने लगते हैं जो मीठी चीजों को खाने का मन कराते हैं। ज्यादा फैटी चीजें खाने से तनाव कम होता है और इसका नतीजा वेट गेन होता है।
लिवर सिरोसिस (Liver cirrhosis)
वजन बढ़ने का बड़ा कारण लिवर सिरोसिस भी हो सकता है। जब व्यक्ति का लिवर किसी कारणवश: सही से कार्य नहीं कर पाता है, तो स्कार ऊत्तकों में चोट पहुंचने लगती है। लिवर के इन खराब ऊतकों के कारण शरीर में अतिरिक्त तरह पदार्थ जमा होने लगता है, जिससे लिवर के कार्य करने की क्षमता धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है। इन कारणों की वजह से भी हमारे शरीर का वजन तेजी से बढ़ता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां सूचनात्मक उद्देश्य से लिखी गई हैं। इनमें से किसी भी सलाह पर अमल करने या किसी तरीके को अपनाने का फैसला आपका व्यक्तिगत निर्णय होगा। किसी भी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले कृपया किसी विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करें।)



Source: disease-and-conditions